100 करोड़ के ‘लेटर बम’ ने निकाला उद्धव सरकार का दम, सियासी भूचाल में पलट न जाए सरकार

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मुंबई। मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी कार मिलने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद तबादला किए गए मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है। सीएम को लिखे गए लेटर में आरोप है कि राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इसी मामले में गिरफ्तार हुए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए बार, रेस्टोरेंट और होटल से वसूली करने का टारगेट दिया था। परमबीर सिंह ने अपने इस पत्र में एसपी पाटील नाम के पुलिस अधिकारी के साथ हुई उनकी बातचीत का जिक्र किया है। नागपुर में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर के बाहर पुलिस तैनात किया गया है। बीजेपी यहां गृहमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है।

रविवार सुबह शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक जावेद अख्तर ने एक ट्वीट किया, जिससे शिवसेना के नए रास्ते की तलाश की बात कही गई है। इसे लेकर संभावना जताई जा रही है कि शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस का साथ छोड़कर फिर से बीजेपी के पाले में जा सकती है। संजय ने ट्वीट किया था, ‘शुभ प्रभात, हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है, हम हैं मुसाफिर ऐसे जो मंजिल से आए हैं।’ इध पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं अजीत पवार और जयंत पाटिल को दिल्ली बुलाया है।

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वहींं, मामले में तेज होते सियासत के बीच, सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे ने कहा कि गृहमंत्री राज्य का है, लेकिन अलग पुलिस कमिश्नर है। किस-किस को क्या कहा है इसकी जांच भी होनी चाहिए। पुलिस की लॉबी, पुलिस के विवाद, फिर उनके पास से खबरें बाहर आती हैं, लेकिन मूल विषय पीछे रह रहा है। जैसे सुशांत सिंह केस में हुआ। मूल विषय वहां भी पीछे रह गया। इस मामले में मूल विषय अंबानी के घर के बाहर बम मिलना है। राज ठाकरे ने कहा कि मैं आज जो भी कहूंगा उसके बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दूंगा। क्यूंकि इससे जो अहम मुद्दे है वो पीछे रह जाते है। कल परमबीर सिंह ने गृहमंत्री पर जो आरोप लगाए वो घटना महाराष्ट्र ही नहीं देश के इतिहास में कभी घटी होगी।

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बीजेपी भी हमलावार

इधर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा-                                                              पचास इधर देंगा,पचास उधर देंगा
फिर धूर्त राजा कुछ क्यूँ बोलेंगा ,
अवाम को चूना लगाके खुद ऐश कारेंगा !
कोई कुछ बोला तो मनसुख जैसा मरेंगा !

चोर चोर मौसेरे भई !
मिल बाँट के नोट #MahaVasooliAghadi ने खई !

वहीं, बीजेपी नेता आशीष शेलार ने कहा कि हम सवाल पूछना चाहते है कि क्या इसीलिए सरकार मंदिरों को ना खोलकर डिस्को-पब-बार खोल रही थी? कोरोना काल में जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ाया जा सके? गृहमंत्री अपना इस्तीफा दें।

नारायण राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बाद भी सीएम ने कार्रवाई नहीं की। मीडिया के सामने आकर बात नहीं की। सचिन वाजे को सभी महत्वपूर्ण मामले दिए जाएं ये आदेश मुख्यमंत्री ने दिए थे। पिछले कई महीनों से सचिन वाजे कभी वर्षा बंगले पर और कभी ओबेरॉय में रह रहा था। मुख्यमंत्री को सचिन वाजे साधु संत लग रहे थे। मुख्यमंत्री के लिए सचिन वाजे काम कर रहे थे। देश के बड़े उद्योगपति की जान जोखिम में किसके इशारे पर थी? नारायण राणे ने कहा गृहमंत्री का इस्तीफा बाद में पहले मुख्यमंत्री इस्तीफा दें।

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इसी सब के बीच महाराष्ट्र के मंत्री और NCP प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि सीएम और गृहमंत्री के कड़े रुख के बाद का ये (परमबीर सिंह का लेटर) रिएक्शन है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री को बदलने का कोई सवाल ही नहीं है।