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दिल्ली से लेकर लखनऊ तक ट्रेनों में बिक रहा नकली शंकर बाम और दन्त प्रभा मंजन

मुरादाबाद। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक चलती ट्रेनों में नकली शंकर बाम और दन्त मंजन बेचा जा रहा है जिसकी सप्लाई बरेली से हो रही है। यह सेहत के लिए बहुत खतरनाक है बिहार के एक यात्री ने बाम से हुई एलर्जी के बाद शिकायत की। जिसके बाद आरपीएफ ने इसका खुलासा किया। मंगलवार को ट्रेनों में छापेमारी कर कुछ वेंडरों को हिरासत में लिया गया है।

आरपीएफ सूत्रों के मुताबिक, बरेली में फर्जी बाम और मंजन बिहारीपुर स्थित सिटी सब्जी मंडी में बन रहा है। बाम को मोम व पिपरमेंट के मिश्रण एवम मंजन को खड़िया के मिश्रण से तैयार किया जा रहा है। यात्रियों को ये औषिधीय बताकर बेचते हैं। जबकि, ये स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है।

इस बाम और दंत मंजन की सप्लाई बाजार में नहीं सिर्फ ट्रेनों और बसों में की जाती है। चलती ट्रेनों और बसों में ही फेरी लगाकर वेंडर बेचते हैं। इसकी सप्लाई बरेली, शाहजहांपुर, हरदोई, रोजा,सीतापुर, बरेली आदि स्टेशनों से गुजरने वाली ट्रेनों में ही की जाती है।

बरेली के आरपीएफ इंस्पेक्टर वीके सिसोदिया ने बताया कि जननायक एक्सप्रेस में बिहार के किसी यात्री ने ये बाम शाहजहांपुर में खरीदा था। उस वक्त यात्री के सिर में तेज दर्द हो रहा था। यात्री बाम लगाकर सो गया। एक घंटे बाद उसके माथे पर दाने निकल आए। साथ ही पूरा चेहरा लाल पड़ गया। यात्री ने टीटीई के जरिये बाम की शिकायत की। पड़ताल में पता चला कि वह नकली है। बरेली के बिहारीपुर मोहल्ले में बन रहा है। उसी जगह पर दंत मंजन भी बनता है।

इस संबंध में बरेली आरपीएफ ने अपनी रिपोर्ट ड्रग्स, आयुर्वेद विभाग को भेजी लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियों ने अभी फिलहाल कोई एक्शन नहीं लिया है। जबकि, कई साल से ये गोरखधंधा चल रहा है।

इस संबंध में आयुर्वेद चिकित्सक कहते हैं कि मोम और पिपरमेंट से बना बाम त्वचा रोग के साथ-साथ आंखों के लिये भी घातक है।

दांत रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि खड़िया से मसूड़ों को बहुत नुकसान पहुंचता है। मसूड़ों में पस पड़ने लगता है जो आगे चलकर कैंसर का रूप भी ले सकता है।

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