Bareilly-कोवैक्सिन की पहली डोज लगवाने के बाद किशोरी को हुई उल्टी, तोड़ दिया दम

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बरेली। जिले के फरीदपुर कस्बे में को-वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के बाद  उल्टी होने से एक किशोरी की मौत का मामला सामना आया है। परिजनों की माने तो किशोरी को सोमवार को इंजेक्शन लगवाया गया था, जिसके बाद से ही उसकी तबियत बिगड़नी शुरू हो गई। उसे उल्टियां हुईं। मंगलवार को अचानक वह अचेत हो गई तो परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों के आरोप के बाद स्थानीय पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

फरीदपुर स्थित फर्रखपुर निवासी शारदा ने बताया कि उनकी 17 वर्षीय बेटी भारती पांचवीं तक पढ़ी थी। वह घर पर ही मेरा काम में हाथ बंटाती थी। सोमवार को मोहल्ले के परिषदीय स्कूल में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगे शिविर में उसे को-वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी। वैक्सीन लगवाकर लौटते ही उसकी तबियत बिगड़ने लगी। उसे उल्टियां होना शुरु हो गई। मृत किशोरी की मां के मुताबिक वैक्सीन लगवाने के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा था कि अगर तबियत खराब हो तो मेडिकल स्टोर से वैक्सीन लगी है बोलकर दवा ले लेना। तबियत बिगड़ने पर मां ने उसे मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर खिलाई मगर उसकी तबियत में सुधार नहीं हुआ।

भारती की मां शारदा ने बताया कि तबियत बिगड़ने पर सोमवार को ही दवा खरीदकर बेटी को खिला दी थी। फिर भी उसकी तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ। मंगलवार को उसे और ज्यादा उल्टियां आने लगीं। घबराई मां शाम को उसे सीएचसी पर लेकर भागी मगर वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

भारती के पिता हत्या के मामले में जेल में बंद है। उसकी मां शारदा ने बताया कि उनके पांच बच्चे हैं। भारती सबसे बड़ी थी। घर चलाने के लिए उनके सभी बच्चे कुछ न कुछ काम करते हैं जिससे घर का गुजारा हो सके।

-पुलिस पूछताछ में सामने आया कि भारती बीमार रहती थी मगर इस बारे में उसकी मां शारदा ने कहा कि वह बीमार रहती थी मगर जब वैक्सीन लगवाने गई तो उसकी तबियत एकदम ठीक थी। हालांकि, पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

फर्रकपुर मोहल्ले में ही वैक्सीन लगवाई जा रही थी। उसी कैंप में भारती ने सोमवार को वैक्सीन लगवाई थी जब उसके परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे तो वह मृत थी। मुझे नहीं लगता कि वैक्सीन की वजह से उसकी मौत हुई है। वैक्सीन लगाने के बाद सभी को 30 मिनट तक केंद्र पर ही रुकना होता है जिससे अगर वैक्सीन लगने के बाद किसी व्यक्ति की तबियत बिगड़े तो फौरन इलाज दिया जा सके।

-डॉ. वासित अली, प्रभारी चिकित्साधिकारी, सीएचसी फरीदपुर।