महाशिवरात्रि पर बन रहा अद्भुत संयोग, ऐसा करेंगे तो भोलेनाथ हाे जाएंगे प्रसन्न

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हल्द्वानी । महाशिवरात्रि भगवान शिव का पावन पर्व है। हर साल यह त्योहार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 11 मार्च गुरुवार को महाशिवरात्रि का पर्व है। इस दिन भगवान शिव के भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखते हैं। धार्मिक मान्यता है कि महादेव के इस पावन पर्व जो कोई शिवजी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है उसकी समस्त प्रकार की कामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस बार महाशिवरात्रि के दिन ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र होगा और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे। चतुर्दशी तिथि 11 मार्च को दोपहर 2:41 बजे से 12 मार्च को दोपहर 03:03 बजे तक ही रहेगी। वहीं, अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:08 बजे से 12:55 बजे तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि अभिजीत मुहूर्त में किए गए कार्यों का अभिजित फल प्राप्त होता है। व्रत का पारण मुहूर्त 12 मार्च को प्रात: 06:34 बजे से दोपहर 03:02 बजे तक बना हुआ है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि तिथि- 11 मार्च 2021

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 11 मार्च 2021 को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से

चतुर्दशी तिथि समाप्त: 12 मार्च 2021 को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक

शिवरात्रि पारण समय: 12 मार्च की सुबह 6 बजकर 34 मिनट से शाम 3 बजकर 2 मिनट तक

महाशिवरात्रि में चारों प्रहर का शुभ मुहू्र्त

पहला प्रहर – 11 मार्च, शाम 06 बजकर 27 मिनट से 09 बजकर 29 मिनट तक

दूसरा प्रहर – 11 मार्च, रात 9 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

तीसरा प्रहर – 11 मार्च, रात 12 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक

चौथा प्रहर – 12 मार्च, सुबह 03 बजकर 32 मिनट से सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक

महाशिवरात्रि निशीथ काल मुहूर्त

पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन प्रात: 12 बजकर 06 मिनट से प्रात: 12 बजकर 55 मिनट तक निशीथ काल रहेगा।

ऐसे करें पूजा

महाशिवरात्रि के दिन प्रातःकाल स्नान से निवृत होकर एक वेदी पर कलश की स्थापना कर गौरी शंकर की मूर्ति या चित्र रखें। कलश को जल से भरकर रोली, मौली, अक्षत, पान सुपारी ,लौंग, इलायची, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, कमलगटटा्, धतूरा, बिल्व पत्र, कनेर आदि अर्पित करें और शिव की आरती पढ़ें। रात्रि जागरण में शिव की चार आरती का विधान आवश्यक माना गया है। इस अवसर पर शिव पुराण का पाठ भी कल्याणकारी कहा जाता है।

पूजा सामग्री

महाशिवरात्रि की पूजा में बेलपत्र, भांग, धतूरा, गाय का कच्चा दूध, चंदन, रोली, कपूर, केसर, दही, घी, मौली, अक्षत (चावल), शहद, शक्कर, पांव प्रकार के मौसमी फल, गंगा जल, जनेऊ, वस्त्र, इत्र, कुमकुम, कमलगटटा्, कनेर पुष्प, फूलों की माला, खस, शमी का पत्र, लौंग, सुपारी, पान, रत्न, आभूषण, परिमल द्रव्य, इलायची, धूप, शुद्ध जल, कलश आदि।