सावधान ! उत्तराखंड में बिक रहा है सरसों का मिलावटी तेल, इस संस्था के सर्वे में फेल मिले सर्वाधिक सैम्पल। देखिए अपने जिले का हाल…

300
खबर शेयर करें -

देहरादून : अगर आप सरसों के तेल को शुद्ध समझ कर सेवन कर रहे हैैं तो सावधान…। उत्तराखंड में जगह-जगह से लिए गए सरसों के तेल के सैैंपल बड़ी संख्या में फेल पाए गए हैैं। हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि राज्य के हर जिले में यह मिलावटी तेल धड़ल्ले से बिक रहा है। इसकी सैैंपलिंग एक संस्था ने की थी, जिसका खुलासा गुरुवार को बाकायदा प्रेस वार्ता करके किया गया। इसकी रिपोर्ट शासन को भी प्रेषित की गई है।

स्पेक्स संस्था से जुड़े स्वयंसेवियों ने सरसो केतेल में मिलावट की आशंका को लेकर जून से सितंबर तक सैैंपलिंग का अभियान चलाया था। टीम के सदस्यों ने प्रदेश के नैनीताल, काशीपुर, पिथौरागढ़, देहरादून, विकासनगर, डोईवाला, मसूरी, रामनगर, हल्द्वानी  आदि स्थानों से सरसों के तेल के 469 नूमने एकत्र किए गए। इनमें से 415 नमूने फेल पाए गए यानी 88 फीसद नमूनों में पूरी तरह मिलावट पाई गई।
स्पेक्स संस्था के सचिव डा. बृजमोहन शर्मा ने गुरुवार को प्रेस क्लब में बताया कि इन सभी सैंपल की जांच प्रमाणित प्रयोगशाला में की गई है। अल्मोड़ा, मसूरी, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ व गोपेश्वर से सरसों के तेल के जो सैंपल लिए गए थे, उनमें शत-प्रतिशत सैंपल में मिलावट मिली है। जबकि जसपुर में सबसे कम 40 फीसदी और काशीपुर में 50 फीसदी नमूनों में मिलावट पाई गई है। इसके अलावा उत्तरकाशी में 95 फीसदी, देहरादून में 94 फीसदी, पिथौरागढ़ में 91 फीसदी, हल्द्वानी व टिहरी में 90 फीसदी, श्रीनगर, विकासनगर व डोईवाला में 80 फीसदी, नैनीताल में 71 फीसदी, हरिद्वार में 65 फीसदी व रुद्रपुर में 60 फीसदी नमूनों में मिलावट मिली है। उन्होंने बताया कि इस जांच रिपोर्ट को शासन-प्रशासन को भेजा जाएगा, ताकि मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।

इस तरह की जाती है मिलावट

तेल में मिलावट के बारे में डा. बृजमोहन शर्मा ने बताया कि सरसों के तेल में पीला रंग यानी मेटानिल पीला, सफेद तेल, कैस्टर आयल, सोयाबीन, मूंगफली व कपास के बीज का तेल व हेक्सेन की अधिक मिलावट मिली है। कुछ सैंपल में आर्जीमोन तेल मिला पाया गया है।

स्वास्थ्य को इस तरह है नुकसान

मिलावटयुक्त सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। इससे पाचन तंत्र संबंधी रोग के अलावा शरीर में सूजन, उल्टी-दस्त, भूख न लगना, जलन आदि बीमारियां हो सकती है।

आप खुद भी कर सकते हैैं ऐसे जांच

डा. शर्मा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति घर में ही सरसों के तेल में मिलावट की जांच कर सकता है। इसके लिए तेल की कुछ मात्रा लेकर दो-तीन घंटे के लिए फ्रिज में रख देना चाहिए। यदि तेज में कुछ सफेद (घी जैसा) जम जाता है तो यह तेल मिलावटी है। इसके अलावा तेल को उबालने पर ऊपर की परत में झाग स्थायी रूप से रहे तो यह भी मिलावट की निशानी हैै।