कर्नाटक में शुरू हुआ बसव’राज’, राज्यपाल ने दिलाई शपथ, जानिए बोम्मई को CM बनाने की भाजपा की क्या है रणनीति

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के करीबी माने जाने वाले बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने बुधवार को उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। हालांकि मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा। शपथ लेने से पहले बोम्मई अंजनेय मंदिर पहुंचे और वहां भगवान का आशीर्वाद लिया। शपथ लेने से पहले उन्होंने कहा कि शाम को हम एक कैबिनेट बैठक करेंगे, इसके बाद एक वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की जाएगी, जिसमें राज्य में कोविड और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा होगी।

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कौन है बसवराज

कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को हुआ था। जल संसाधन एवं सहयोग मंत्रालय के साथ-साथ उन्होंने हवेरी और उडुपी जिलों के प्रभारी मंत्री के तौर पर भी काम किया है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक बासवराज बोम्मई ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल के साथ की थी। 12 साल पहले 2008 में वह भाजपा में शामिल हुए और तभी लगातार पार्टी में ऊपर चढ़ते चले गए। नए सीएम भी लिंगायत समुदाय से आते हैं। अभी तक वह राज्य के गृह मंत्री के साथ संसदीय कार्य मंत्री और कानून मंत्री का पद भी संभाल रहे थे। बोम्मई को बीएस येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है। खेती से जुडे़ होने के नाते कर्नाटक के सिंचाई मामलों का जानकार माना जाता है। राज्य में कई सिंचाई परियोजनाएं शुरू करने की वजह से उनकी सराहना की जाती है। उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में भारत की पहली 100 फीसदी पाइप सिंचाई परियोजना लागू करने का श्रेय भी दिया जाता है। उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

लिंगायतों से ही सत्ता का गणित साधने की कोशिश

कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय की भागीदारी करीब 17 फीसदी है। 224 सदस्यीय विधानसभा सीटों पर 100 से ज्यादा सीटों पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है। ऐसे में भाजपा ने येदियुरप्पा के हटने के बाद लिंगायत समुदाय के ही किसी व्यक्ति को नया सीएम बनाकर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता का गणित साधने की कोशिश की है।

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