Big News in medicines : 37 जीवनरक्षक दवाएं पाई गईं नकली, उत्तराखंड व उप्र समेत यहां की दवाओं के सेंपल फेल। CDSCO की जांच में चौकाने वाला खुलासा…

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नई दिल्ली। देश के अलग-अलग राज्यों में बनी 32 कंपनियों की 37 जीवनरक्षक दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की जांच कमेटी ने इन दवाओं को नकली और मिलावटी करार दिया है।  इन दवाओं में कोरोना संक्रमण, सूखी खांसी, अल्सर, कोलेस्ट्रोल, एलर्जी, सूजन, तनाव, बीपी, हार्ट, बुखार, एंटीबायोटिक आदि की दवाएं शामिल हैं।

दवा मानक नियंत्रण संगठन यानी सीडीएससीओ ने पूरे देश में 1245 दवाओं के सैंपल लिए थे, जिनमें से 1207 ही सही पाए गए हैं। ड्रग विभाग ने अब इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। सीडीएससीओ ने देशभर में अलर्ट जारी करते हुए इन दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है और बाजार में सप्लाई किए जा चुके स्टॉक को वापस मंगाने के निर्देश दिए हैं। सीडीएससीओ के मुताबिक, जिन 32 कंपनियों की दवाएं जांच में नकली पाई गई हैं, उनमें 10 कंपनियां सिर्फ हिमाचल प्रदेश की हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की कंपनियां भी शामिल हैं। इन सभी को नोटिस देकर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।

सीडीएससीओ के मुताबिक, हिमाचल में बनी इन दवाओं में सोलन में बनी मैक्स रिलिफ हेल्थकेयर की फैवीमैक्स-400 का बैच नंबर टीपी-0421907, इसी दवा का बैच नंबर टीपी 0421903, कालाअम्ब में बनी डिजिटल विजन कॉफसेट सिरप का बैच नंबर डीवीएलडी-950, बरोटीवाला में बनी एक्टिनोवा प्राईवेट लिमिटेड की रैनीटीडाईन टेबलेट का बैच नंबर एटीए 020, बद्​दी में बनी गलफा लैबोरेट्री की एटोरवासिटन का बैच नंबर एवीएटी-21001, अल्ट्राडर्ग प्राइवेट लिमिटेड की डियूलसेंट-एम का बैच नंबर यूडीटी-20163 सी, झाड़माजरी बढ़ी में बनी विनस बायोसाइंस की बेटनेकोन का बैच नंबर वीएनटी-19 एल 17, कालाअम्ब में बनी पुष्कर पार्मा की ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का बैच नंबर ओटीसी-232ए और परवाणु में बनी सेल्वस लाइफसाइंस की भूपीडेप 150 का बैच नंबर सीटी 12330321 का सैंपल फेल हुआ है।

इन बीमारियों में होता है इस्तेमाल

इन सभी दवाओं में फैवीमैक्स दवा कोरोना मरीजों को दी जाती है। इसी तरह कॉफसेट सीरज सूखी खांसी में, रेनीटीडाईन अल्सर के लिए, एटोरवेस्टाटिन टैबलेट कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए दी जाती है। डियूलसेंट-एम एलर्जी के लिए, बेटनेकोन सूजन दूर करने के लिए, ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन गाय-भैंस का दूध उतारने के लिए, और भूपीडेप 150 डिप्रेशन के मरीजों को दी जाती है।

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