समान नागरिक संहिता पर टकराव, CM धामी के बयान पर मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने दी प्रतिक्रिया, कही ये बात

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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में भी समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बीते राेज ये भी कहा कि इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी जाएंगी। वहीं, अब इस मुद्​दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB- All India Muslim Personal Law Board) का बयान भी सामने आ गया है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने उत्तराखंड सहित भाजपा शासित कुछ राज्यों में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने को लेकर शुरू हुई कवायद के बीच कहा है कि यह असंवैधानिक कदम होगा और इसे देश के मुसलमान स्वीकार नहीं करेंगे। पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के कार्यालय से जारी हुई प्रेस नोट में लिखा गया है, ‘भारत का संविधान हर नागरिक को अपने धर्म के मुताबिक जीवन जीने की अनुमति देता है और यह मौलिक अधिकार भी है। इसी अधिकार के तहत अल्पसंख्यकों और आदिवासी वर्गों को उनकी रीति-रिवाज, आस्था और परंपरा के अनुसार अलग पर्सनल लॉ की अनुमति है’।

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पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने दावा करते हुए कहा, ‘उत्तर प्रदेश या उतराखंड सरकार या केंद्र सरकार की तरफ से समान नागरिक संहिता की बात करना असामायिक बयानबाजी भर है। हर कोई जानता है कि उनका उद्देश्य बढ़ती महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दों का समाधान करना नहीं है। समान नागरिक संहिता का मुद्दा असल मुद्दों से ध्यान भटकाने और नफरत एवं भेदभाव के एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए लाया जा रहा है’।

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