डॉ. इंदिरा ने गिनाए करोड़ों के घोटाले, बोलीं सदन में तत्काल चर्चा कराए सरकार

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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून।

विधानसभा सत्र में आक्रामक नजर आ रही कांग्रेस ने सरकार पर एक और बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर इंदिरा हिर्देश ने सचिव विधानसभा को पत्र सौंपकर सवाल उठाया है कि कोटद्वार में एक अस्पताल के निर्माण के लिए बिना मंजूरी के 20 करोड़ रुपये आखिर कैसे जारी हो गए। उन्होंने इस मामले में मंत्री से लेकर अधिकारियों तक की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। पत्र पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सिंह, आदेश चौहान, गोविंद सिंह कुंजवाल, ममता राकेश, मो.काजी निजामुद्दीन, हाजी फुरकान अहमद, राजकुमार, मनोज रावत आदि विधायकों के हस्ताक्षर हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा ने कहा है कि प्रदेश सरकार लगातार जीरो टॉलरेंस की बात कर रही है, लेकिन उससे ज्यादा भ्रष्टाचार के धब्बे उसके दामन पर लगे हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कोटद्वार में एक बड़े अस्पताल के निर्माण के लिए बिना टेंडर प्रक्रिया को अपनाएं ₹200000000 जारी करने के मामले को गंभीर बताते हुए इसके उच्च स्तरीय जांच की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा है कि कर्मकार कल्याण बोर्ड भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण है। जिसमें तमाम ऐसे कार्य किए गए हैं जो नियम विरुद्ध है। अगर इनकी जांच की जाए संबंधित मंत्री से लेकर तमाम अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिलेगी। उन्होंने कहा कि सचिव विधानसभा से अनुरोध कर दिया गया है, कि सदन में इस पर विशेष चर्चा की जाए।
डॉ. हृदेश ने एक चैनल का उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में उक्त चैनल द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ भी एक स्टिंग का मामला उठाया था। जिसमें स्थिथि साफ नहीं ही सकी है। उनके रिश्तेदारों पर भी खनन के मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, हाई कोर्ट सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुका है। अभी तक उसमें कुछ नहीं हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एनएच 74 का घोटाला इतना बड़ा है, जिसमें दिखावे की कार्रवाई की जा रही है। जो अधिकारी इसमें संलिप्त हैं उनको क्लीन चिट देकर बहाल किया जा चुका है। इसके अलावा अभी कई और लोग बचे घूम रहे हैं। जिन स्कूल संचालकों का नाम करोड़ों के घोटाले में शामिल है, उसमें कई भाजपा से जुड़े स्कूल संचालक हैं। उनको बचाने के लिए अब कार्यवाही भी हल्की हो गई है। उन्होंने इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा कराने की मांग सदन में उठाई है।

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