यूपी में नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें, न होगा स्लैब परिवर्तन, उपभोक्ताओं को बड़ी राहत

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# Power crisis in Uttar Pradesh
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न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। इस साल न तो बिजली दरें बढ़ेंगी और न ही स्लैब परिवर्तन होगा (Electricity rates will not increase in UP)। इसके संकेत सोमवार को राज्य विद्युत नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति की बैठक में मिले। नियामक आयोग ने साफ किया है कि वह बिजली कंपनियों की अक्षमता का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने के पक्ष में नहीं है। आयोग ने कहा है कि साल दर साल दरें बढ़ाने के बजाय बिजली कंपनियों को घाटे से उबरने के लिए अपनी परफार्मेंस में सुधार पर ध्यान देना होगा।

नियामक आयोग ने 2022-23 की बिजली दरों पर जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सोमवार को ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी संवैधानिक कमेटी राज्य सलाहकार समिति की बैठक में सदस्यों से रायशुमारी की। नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह की अध्यक्षता में हुई सलाहकार समिति की बैठक में आयोग के टैरिफ निदेशक डॉ. अमित भार्गव ने बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर), ट्रू-अप तथा बिजली दर से संबंधित वित्तीय मानकों पर प्रस्तुतिकरण किया। इसके बाद सदस्यों ने इस साल की दरों पर अपनी-अपनी राय रखी।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे 22,045 करोड़ रुपये के एवज में अगले 5 वर्षों तक हर साल बिजली दरों में सात प्रतिशत की कमी की वकालत की। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों द्वारा मामला अपीलेट ट्रिब्यूनल में होने की बात कहना गलत है क्योंकि ट्रिब्यूनल ने न तो स्थगनादेश दिया है और न ही कोई अंतरिम आदेश। वर्मा ने नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) के ऊपर ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के उपभोक्ताओं के निकल रहे 1176 करोड़ रुपये का रेगुलेटरी लाभ बिजली दरों में कमी के रूप में देने की मांग भी उठाई।

डॉ. भरतराज सिंह समेत कुछ और सदस्यों ने उनका समर्थन किया। उन्होंने स्लैब परिवर्तन के प्रस्तुतिकरण का यह कहते हुए विरोध किया कि चूंकि जनसुनवाई में आयोग चेयरमैन ने इसे देखने से ही मना कर दिया था, इसलिए बैठक में इस पर चर्चा किया जाना जनता के साथ धोखा होगा। इसे खारिज किया जाना चाहिए। कई सदस्यों ने इसका समर्थन किया। वर्मा ने ट्रांसमिशन टैरिफ बढ़ाने का भी विरोध किया (Electricity rates will not increase in UP)।

प्रमुख सचिव ऊर्जा एम. देवराज ने आयोग से अनुरोध किया कि रिवैम्पड योजना में केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित वितरण हानियां स्वीकार कर ली जाएं जिस पर आयोग के अध्यक्ष ने आपत्ति करते हुए कहा कि बिजनेस पलान में अनुमोदित हानियों के आधार पर ही आयोग कार्यवाही करेगा। किसी की अक्षमता का खामियाजा प्रदेश के उपभोक्ता नहीं भुगतेंगे।

प्रदेश में ग्रीन टैरिफ लागू करने के मुददे पर कई सदस्यों ने सुझाव दिया कि इस पर बाद में विचार किया जाना चाहिए। बैठक में आयोग के सदस्य कौशल किशोर शर्मा, विनोद कुमार श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव ऊर्जा एम. देवराज, पावर कारपोरेशन के एमडी पंकज कुमार, मध्यांचल वितरण निगम के एमडी, नेडा के निदेशक, मेट्रो रेल के निदेशक, कृषि एवं खाद्य विभाग के अधिकारी आईआईए समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।

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