सावधान : बेतालघाट ब्लॉक को तेजी से छोड़ रहे हैं लोग, पलायन आयोग ने शासन को भेजी रिपोर्ट में यह दिखाई नैनीताल जिले की असल तस्वीर…

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हल्द्वानी। पलायन उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। बेहतर शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत जरूरतों का अभाव इस समस्या काे और बढ़ा रहा है। नैनीताल जिले में पलायन की स्थिति बेतालघाट ब्लॉक में ज्यादा ही गंभीर है। यहां के गांव बड़ी तेजी से खाली होते जा रहे हैं। यह बात सामने आई है। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के सर्वे में।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग इन दिनों नैनीताल जिले के गांवों में सामाजिक, आर्थिक सर्वे करा रहा है। आयोग के उपाध्यक्ष डा. एसएस नेगी के अनुसार, आयोग अब तक राज्य के नौ जिलों का सामाजिक-आर्थिक सर्वे कर चुका है। नैनीताल 10वां जिला है, जहां सर्वे हो रहा है। आठ विकासखंडों वाले इस जिले में बेतालघाट, भीमताल, धारी, कोटाबाग, ओखलकांडा व रामगढ़ पर्वतीय क्षेत्र में हैं, जबकि हल्द्वानी व रामनगर मैदानी स्वरूप लिए हुए हैं। डा. नेगी के अनुसार सर्वे के तहत इस जिले से पलायन के कारण, विकासखंडवार पलायन की स्थिति, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, ग्राम्य विकास की योजनाओं का हाल, स्वरोजगार की तस्वीर समेत अन्य बिंदुओं पर सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस जिले में पर्यटन और कृषि को लेकर स्थिति अन्य जिलों से बेहतर है। इसके बाद भी सर्वे में प्रारंभिक तौर पर ये बात सामने आई है कि पर्वतीय विकासखंडों के गांवों से हल्द्वानी व रामनगर के साथ ही मैदानी क्षेत्र के शहरों, कस्बों में पलायन हो रहा है। बेतालघाट के गांवों से ज्यादा संख्या में ग्रामीणों ने पलायन किया है।

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आयोग के उपाध्यक्ष ने बताया कि अन्य जिलों की तरह यहां स्थिति उतनी गंभीर नहीं है। पलायन रोकने के लिए जरूरत बस सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आजीविका विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की है। आयोग की कोशिश है कि 15 सितंबर तक सर्वे रिपोर्ट पूरी कर ली जाए। इसके बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर संवारने के मद्देनजर आयोग कई सुझाव भी सरकार को देगा।

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