ज्ञानवापी सर्वे : परिसर की भीतरी दीवारों पर बने हैं शेषनाग और ये चिह्न, कोर्ट में दाखिल हुई रिपोर्ट

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न्यूज जंक्शन 24, लखनऊ। ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) परिसर के सर्वे के दौरान वहां कथित शिवलिंग मिलने के बाद से यह मुद्​दा बहुत चर्चा में आ गया है। अब सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में कमीशन ने सर्वे की प्रारंभिक रिपोर्ट (Gyanvapi Survey report) भी दाखिल कर दी गई है। यह रिपोर्ट तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने बुधवार को दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद की पिछली दीवार पर शेषनाग और देवी देवताओं की कलाकृति उभरी हुई है। जिसकी फोटो व वीडियोग्राफी कराई गई है। परिसर में दीवार के उत्तर से पश्चिम की ओर शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग की उभरी हुई कलाकृति है। इसमें देव विग्रह के रूप में चार मूर्तियों की आकृति भी दिखाई दे रही है। इस आंशिक रिपोर्ट को न्यायालय ने रिकार्ड में ले लिया है।

यह रिपोर्ट (Gyanvapi Survey report)  दो पेज की है और 6 और 7 मई को हुए सर्वे पर अाधारित है। इसके बाद मुस्लिम पक्ष के विरोध के कारण सर्वे रोक दिया गया था। बाद में 12 मई को कोर्ट की सख्ती के बाद दोबारा से परिसर का सर्वे कराया गया था। अब छह मई को हुए सर्वे की दो पेज की रिपोर्ट में तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त ने न्यायालय को बताया है कि छह मई को हुई जांच में चौथी आकृति मूर्ति के रूप में प्रतीत हो रही है और उस पर सिंदूर का मोटा लेप लगा हुआ है। इसके आगे दीपक जलाने के उपयोग में लाया गया त्रिकोणीय ताखा है, जिसमें फूल रखे हुए थे। पूर्व दिशा में बैरिकेडिंग के अंदर व मस्जिद की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर पड़ा है। यहां एक शिलापट्ट भी है, जो उन्हीं का हिस्सा प्रतीत हो रहा है। इन पर उभरी हुई कलाकृतियां मस्जिद की पश्चिम दीवार पर उभरी कलाकृतियों से मेल खाती दिख रहीं हैं।

इसके बाद अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने कमीशन की कार्यवाही रोके जाने का जिक्र करते हुए रिपोर्ट (Gyanvapi Survey report)  में कहा है कि विवादित स्थल के मूल स्थान बैरिकेड के अंदर जाने व तहखाना खोलने में प्रशासन के असमर्थता जताने पर कार्यवाही अगले दिन के लिए टाली गई।

7 मई को शुरू हुई कमीशन की कार्यवाही एक पक्षकार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की गैरमौजूदगी में शुरू हुई। रिपोर्ट में बताया गया कि खंडित देव विग्रह, मंदिरों का मलबा, हिंदू देवी-देवताओं की कलाकृति, कमल की आकृति, शिलापट्ट आदि की फोटो व वीडियोग्राफी कराई गई है। कार्यवाही के दौरान विवादित पश्चिमी दीवार की तरफ सिंदूर लगी तीन कलाकृतियों का पत्थर और चौखट को श्रृंगार गौरी का प्रतीक मानकर पूजे जाने के सवाल पर वादी पक्षों ने बताया था कि बैरिकेडिंग के अंदर स्थित उनके मुख्य मंदिर व अवशेष तक जाना प्रतिबंधित है। एडवोकेट कमिश्नर ने कहा कि दो दिन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कोर्ट के आदेश पर कोषागार में सुरक्षित लॉक में रखी गई है।

तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट (Gyanvapi Survey report) में सात मई को हुई कमीशन की कार्यवाही में प्रतिवादी प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त्त पर असहयोग का आरोप भी लगाया है। उन्होंने लिखा है कि सात मई को 100 से ज्यादा मुस्लिम पक्ष बैरिकेड के दूसरी तरफ मौजूद थे, उनके इकट्ठा होने के बाद शासन व पुलिस ने आगे की कार्यवाही में सहयोग करने पर असमर्थता जाहिर की। इसके कारण कमीशन की कार्यवाही मुकम्मल रूप से नहीं की जा सकी।

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