हरीश रावत ने गुरुद्वारा परिसर में संगत के जूतों को रुमाल से किया साफ, झाड़ू भी लगाई। जानिए ऐसा क्यों करना पड़ा…

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ऊधम सिंह नगर : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को शुक्रवार को गुरुद्वारा नानकमत्ता में झाड़ू लगानी पड़ी और संगत के जूते साफ किए। ऐसा उनको हाल में ही पंच प्यारे पर दिए बयान से उठे विवाद के बाद बतौर सजा करना पड़ा। रावत ने शुक्रवार को गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब दरबार में माथा टेका। उन्होंने पंच प्यारे के बयान को लेकर उसका पश्चाताप करते हुए पवित्र पीपल साहिब पर माथा टेक परिसर में झाड़ू लगाकर सेवा की। गुरुद्वारा साहिब से बाहर आने पर परिसर में उन्होंने संगत के रखे जूतों को रुमाल से साफ भी किया।

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कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के तहत खटीमा से सितारगंज पहुंचे हरीश रावत के साथ प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, पूर्व सांसद महेंद्र पाल ङ्क्षसह, सह प्रभारी दीपिका पांडे आदि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान कार्यालय में पहुंचे। यहां उन्हें शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। इसमें गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान सेवा ङ्क्षसह, मैनेजर रंजीत ङ्क्षसह, सुखवंत ङ्क्षसह आदि मौजूद थे।
गुरुद्वारे में सेवा के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत कृषि उत्पादन मंडी समिति पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि 2024 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी। तब मोदी सरकार की ओर से किसानों पर लादे गए कृषि कानून को खत्म कर उसकी प्रतियां फाड़कर यमुना में बहा दी जाएंगी। रावत ने सिख समाज को लुभाने के लिए एलान किया कि सत्ता में आने पर यहां राय सिख भवन का निर्माण कराया जाएगा। किसानों के ट्यूबवेल की बिजली फ्री दी जाएगी।

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आप कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झंडे, की नारेबाजी

आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता भी प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर के नेतृत्व में हरीश रावत के विरोध को एकजुट थे। इसी बीच आल इंडिया गुरु ङ्क्षसह सभा अध्यक्ष व दिल्ली के पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह भी किसानों से समर्थन की अपील के साथ वहां पहुंच गए। इस पर आप कार्यकताओं ने मारवाह व उनके समर्थकों को काले झंडे दिखाए। साथ ही पंच प्यारे बयान को आपत्तिजनक बताते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।