सुअर का दिल लगाकर इंसान को मिली जिंदगी, डॉक्टरों ने किया ट्रांसप्लांट

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न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। अमेरिका के शल्य चिकित्सकों ने एक इंसान में सुअर का दिल लगाकर चिकित्सा के इतिहास में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर ली है। इस सफलता ने जिंदगी के लिए नए आयाम खोलने की संभावनाओं को फिर से जीवित कर दिया है।

इस बेहद आधुनिक और अब तक ना सोची गई शल्य चिकित्सा के बाद मेरीलैंड के निवासी 57 वर्षीय डेविड बैनेट को यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन में दिल मिला। यह चिकित्सा तब की गई जब उनकी जिंदगी को बचाने के सारे विकल्प खत्म हो चुके थे।

रिपोर्ट बताती हैं कि जब बैनेट को इंसान के दिल का विकल्प नहीं मिल सका, ऐसे में मरीज की सेहत को देखते हुए इस तरह का फैसला लिया जाता है। अपनी शल्य चिकित्सा के दूसरे दिन उन्होंने कहा कि मेरे सामने दो ही विकल्प थे या तो ऑपरेशन करवा लूं या मर जाऊं और मैं जीना चाहता हूं, मैं जानता था कि यह अंधेरे में तीर चलाने जैसा है, लेकिन मेरे पास इसके अलावा कोई चारा ही नहीं था।

मरीज के अब क्या हाल हैं
शल्य चिकित्सा या ऑपरेशन के तीन दिन के बाद अस्पताल का कहना है कि बैनेट का शरीर ठीक काम कर रहा है। हालांकि अभी ऑपरेशन के बारे में कुछ भी कहना या नतीजा निकालना जल्दबाजी होगी। डॉक्टर का कहना है कि उन पर बारीक नजर रखी जा रही है कि प्रत्यारोपण के बाद नया अंग कैसे काम कर रहा है। ऑपरेशन से पहले बैनेट ने कई महीने दिल-फेफड़ा बाइपास मशीन के साथ गुजारे थे। लेकिन डॉक्टर बताते हैं कि अब वह खुद की दम पर सांस ले पा रहा है, हालांकि उसे अभी भी डिवाइस के साथ जोड़ रखा है, ताकि प्रत्यारोपित दिल पर एकदम से ज्यादा जोर ना पड़े। डॉक्टर का कहना है कि आने वाले कुछ महीने काफी अहम होंगे। डॉ. बार्टले पी ग्रिफिथ जिन्होंने ऑपरेशन करके बैनेट के शरीर में सुअर का दिल प्रत्यारोपित किया, उनका कहना है कि अभी हमें बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है, लेकिन इस तरह के पहले ऑपरेशन ने भविष्य में उम्मीद का एक नया दरवाजा ज़रूर खोल दिया है।

कैसे हुई शल्य चिकित्सा संभव
प्रत्यारोपित दिल को सुअर के शरीर में अनुवांशिक तौर पर संशोधित किया गया था। इस तरह से वैज्ञानिकों ने उन तीन जीन्स को हटा दिया था, जिन्हें इंसानी शरीर सुअर का शरीर का मानकर अस्वीकार कर देता था। इसके साथ ही एक जीन वह था जो सुअर के दिल के ऊत्तकी अत्यधिक वृद्धि के लिए जिम्मेदार होता है। इसके साथ ही 6 मानव जीन्स जिससे इंसानी शरीर बाहरी अंग को स्वीकार करे, उन्हें भी सुअर के जीनोम में डाला गया। कुल मिलाकर अमेरिका की बायोटेक फर्म रेविविकोर ने सुअर में कुल 10 अनूठे जीन को मॉडिफाइड किया। रिपोर्ट बताती हैं कि ऑपरेशन के दिन चिकित्सा करने वाले दल ने सुअर के दिल को एक पर्फ्यूजन उपकरण में रखा जिससे ऑपरेशन के दौरान वह तैयार रहे। अनुवांशिक बदलावों के अलावा बैनेट को भी प्रायोगिक स्तर पर एक एंटी रिजेक्शन दवा दी गई थी। हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि अभी कुछ भी कहना जल्दी है. वक्त के साथ साथ नतीजों की जानकारी मिल पाएगी।

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