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कोरोना को हराना है तो अब हर रोज यह करना बहुत जरूरी। नई रिसर्च पर स्वास्थ्य मंत्रालय की पढ़िये गाइडलाइन

न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली।

कोरोना को अगर आप जल्द मात देना चाहते हैं तो रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश खाना और प्राणायाम करना बहुत जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई शोध के आधार पर गाइडलाइन जारी कर दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षबर्धन ने रविवार को जारी गाइडलाइन पर बताया कि कोरोना के लक्षण बदले हुए हैं। अधिकांश केस ऐसे सामने आ रहे हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं। ऐसे में लोगों को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा रही है। कोरोना संक्रमित रोगी को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए रोगियों को हर रोज सुबह उठकर गर्म पानी पीना अनिवार्य कर लेना चाहिए। दैनिक क्रिया से निपटकर एक चम्मच च्यवनप्राश खाना है, च्यवनप्राश ब्रांडेड कंपनी का और शीलबंद होना चाहिए। दिन में जब पीएं, गर्म पानी का ही इस्तेमाल करें। प्राणायाम अनिवार्य रूप से करें। सांस संबंधी योग अवश्य और नियमित रूप से करना शुरू कर दें। इसके अलावा सुबह-शाम हल्दी वाला दूध अनिवार्य रूप से पीएं। रात को सोने से पहले गर्म पानी में नमक मिलाकर या हल्दी मिलाकर गरारे जरूर करें। बहुत ज्यादा तैलीय चीजों का सेवन न करें। गाइडलाइन में कहा गया है कि शरीर में विटामिन-सी की मात्रा पर्याप्त रखना भी जरूरी है। इसके लिए विटामिन-सी की गोलियां आती हैं, वो लें। या फिर कोई दिक्कत नहीं होती है तो गर्म पानी में नीबू मिलाकर पीया जा सकता है। आंवला का पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। कहा गया है कि सुबह-शाम गिलोए और अश्वगंधा की गोलियां लेना भी बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। गाइडलाइन में आयुष विभाग द्वारा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाइयों का इस्तेमाल करने को कहा गया है। साथ ही यह भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी उपचार करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

दूरी व मास्क लगाकर टहलें जरूर—–संक्रमित होने पर या संक्रमण से पहले, जो भी कंडीशन हों। इसमें कहा गया है कि पर्याप्त दूरी का मानक अपनाते हुए मास्क लगाकर घूमना भी चाहिए।

बहुत बेहतरीन है गाइडलाइन : खुल्लर

इस संबंध में कुमाऊं के जानेमाने आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. विनय खुल्लर का कहना है कि गाइडलाइन में जो भी कहा गया है, वह सब बहुत ही जरूरी है। जो लोग संक्रमित नहीं भी हैं तो बचने के लिए उन्हें यह सभी चीजें अभी से अनिवार्य रूप से लागू कर लेनी चाहिए। हम ट्रीटमेंट पाने वाले रोगियों को यही उपचार लंबे समय से दे रहे हैं।

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