शिक्षा का अधिकार के तहत पढ़ने वाले बच्चों की फीस बढ़ाने को लेकर हाई कोर्ट का अहम आदेश, सरकार को दिए ये निर्देश

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नैनीताल। उत्तराखंड के पब्लिक स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी आरटीई के तहत अध्ययनरत बच्चों की फीस बढ़ाने के मामले में हल्द्वानी एजुकेशन सोसायटी की जनहित याचिका पर शुक्रवार को हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इसे लेकर सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी दो महीने के अंदर निर्णय ले और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी।

हल्द्वानी एजुकेशन सोसायटी की जनहित याचिका में कहा गया है कि पब्लिक स्कूल गरीब बच्चों को लगातार शिक्षा दे रहे हैं। लेकिन 10 साल से फीस बढ़ाई नहीं गई है। शिक्षा विभाग से पता चला कि इसके लिए 25 जनवरी 2021 को बैठक की गई है, जिसके बाद पांच जनवरी को वित्त सचिव की अध्यक्षता में निर्णय लेने के लिए कमेटी का गठन किया गया। याचिकाकर्ता के अनुसार प्रति विद्यार्थी 16 हजार के आसपास खर्च होने के बाद भी फीस नहीं बढ़ाई गई है। याचिका में प्रति विद्यार्थी फीस बढ़ाने की मांग की गई।

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शुक्रवार को खंडपीठ ने पूरे मामले को सुनने के बाद सरकार को आदेश दिया कि जनवरी 2021 की बैठक के बाद बनी कमेटी दो महीने में फीस मामले में निर्णय ले। वहीं, मुख्य स्थाई अधिवक्ता सीएस रावत के अनुसार उन्होंने मामले में सचिव विधि, शिक्षा सचिव व वित्त सचिव को पत्र भेजकर पूछा है कि सरकार की ओर से इस मामले में क्या नियम बनाए गए हैं। जवाब आने के बाद उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।

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