Lakhimpur Kheri Violence : सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार, कहा- हत्यारोपी को नोटिस देकर बुलाती है यूपी पुलिस

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लखनऊ। लखीमुपर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पुलिसिया कार्यवाई में शिथिलता बरतने के चलते राज्य सरकार पर कड़े सवाल दागे। उन्होंने पूछा कि क्या हत्या के आरोपियों को पुलिस नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाती है? यही नहीं कोर्ट ने राज्य सरकार और यूपी पुलिस को फटकारते हुए पूछा कि अब तक हत्यारोपी को हिरासत में किस आधार पर नहीं लिया गया?

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कोर्ट के सवालों का जवाब देते हुए राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि किसानों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली के घाव नहीं दिखे, इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया था। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से दो कारतूस बरामद हुए हैं। इससे लगता है कि आरोपी का निशाना कुछ और था।

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आशीष मिश्र को नोटिस भेजे जाने के मामले में कोर्ट ने टिप्पणी की कि जिस व्यक्ति पर हत्या या गोली से घायल करने का आरोप है, उसके साथ इस देश में इस तरह का व्यवहार किया जाएगा? इस पर वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अगर व्यक्ति नोटिस के बाद नहीं आता है तो कानूनी सख्ती का सहारा लिया जाता है। मगर कोर्ट राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं दिखी। कोर्ट ने कहा कि आठ लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस मामले में सभी आरोपियों के लिए कानून एक समान है। कोर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार इस गंभीर मामले में जरूरी कदम उठाएगी।

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कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि इस मामले की जांच एक वैकल्पिक एजेंसी से कराई जाए और इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाए। कोर्ट ने कहा कि जब तक कोई वैकल्पिक एजेंसी इस मामले की जांच शुरू नहीं कर देती, तब तक राज्य के डीजीपी की जिम्मेदारी होगी कि घटना से जुड़े सभी सबूतों को सुरक्षित रखा जाए।

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