उत्तराखंड का एक विधायक ऐसा भी, जिनका एक बेटा हल्द्वानी में जोड़ रहा गाड़ियों का पंक्चर, दूसरा बना रहा फर्नीचर

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विधायक फकीर राम टम्टा (बीच में) के दोनों बेटे जगदीश टम्टा (बाएं) और वीरेंद्र राम टम्टा (दाएं)।
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न्यूज जंक्शन 24, हल्द्वानी। उत्तराखंड में इस बार हुए विधानसभा चुनाव बेहद खास रहा। पुराने चुनावों से अलग इस चुनाव में कई मिथक टूटे। यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि प्रदेश के कई बड़े दिग्गजों को जनता ने अपने जनादेश के जरिए विधानभवन की चाैखट से बाहर कर दिया, जबकि कई छोटे और बेहाल आर्थिक स्थिति वाले शख्स को विधानसभा पहुंचा दिया। ऐसे ही एक शख्स हैं फकीर राम टम्टा (MLA Fakir Ram Tamta)। जो इस बार विधासनभा चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। फकीर राम टम्टा समाज कल्याण अनुश्रवण समिति के पूर्व उपाध्यक्ष भी हैं। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा हासिल था।

पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट सीट से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक फकीर राम टम्टा (MLA Fakir Ram Tamta) एक समय में घर चलाने के लिए बढ़ईगिरी यानी कारपेंटर का काम किया करते थे। लेकिन राजनीति ने उनकी किस्मत बदल दी और आज विधायक बनकर जनता की सेवा करने जा रहे हैं। हैरानी की बात यहां ये है कि उनके दो बेटे हैं, जिनमें एक हल्द्वानी में गाड़ियों के पहिए का पंक्चर बनाता है और दूसरा आज भी पिता के पेशे यानी कारपेंटर के धंधे को ही अपनाकर अपना परिवार पाल रहा है। इसके बाद भी दोनों ही बेटों पर पिता के विधायक बनने का रसूख बिल्कुल भी नहीं है।

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पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट सीट से भाजपा के चुनाव चिन्ह पर पहली बार विधायक बने फकीर राम टम्टा (MLA Fakir Ram Tamta) अपनी सादे जीवन के लिए जाने जाते हैं। फकीर राम टम्टा के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा जगदीश टम्टा हल्द्वानी के दमुआदूंगा में सड़के किनारे पंक्चर जोड़ने का काम करते हैं। वह हल्द्वानी में पिछले 12 साल से रहते हैं। पिता के अावास के पास ही इनकी पंक्चर जोड़ने की दुकान है। जबकि छोटा बेटा वीरेंद्र राम टम्टा कारपेंटर का काम करता है। बड़े बेटे जगदीश अपने पिता के विधायक बनने पर काफी खुश हैं। उनका कहना है कि अपना काम करने में किसी भी तरह की कोई शर्मिंदगी महसूस नहीं होती है। काम करेंगे तभी घर चल पाएगा।

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वहीं, फकीर राम टम्टा (MLA Fakir Ram Tamta) के छोटे बेटे वीरेंद्र राम टम्टा का कहना है कि अपने पिता के नक्शे कदम पर चल कर वह फर्नीचर का कारोबार कर रहे हैं। फर्नीचर का काम कर अपने परिवार को पाल रहे हैं। उनको गर्व है कि वह विधायक के पुत्र हैं। लेकिन अपने काम करने पर किसी तरह की कोई शर्मिंदगी नहीं है।

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