Pithoragarh news : पब्लिक का गुस्सा देख पिथौरागढ़ जिले की विधायक कमरे में हो गईं बंद, फिर हुआ यह…

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पिथौरागढ़ : तमाम वादे करके चुनाव जीतने वाले जनप्रतिनिधि एक अदद सड़क तक जनता को मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। हाल यह हो गया है कि 24 गांव की जनता एक सड़क के लिए 94 दिन से आन्दोलन कर रही है। आज जब जनता जुलूस के रूप में विधायक मीणा गंगोला से मिलने पहुंची तो तो वह एक कमरे में जाकर बंद हो गईं। साथ ही पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने बमुश्किल जनता को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं मानें और विधायक से मिलने पर अड़ गए। पुलिस के अनुरोध पर विधायक मिलने को तैयार हुईं लेकिन सिर्फ पांच लोगों से। भीड़ से भीड़ से पांच लोगों को कमरे में जाने के लिए बोला तो गुस्सा और बढ़ गया।

जिले के गंगोलीहाट विधानसभा क्षेत्र में मड़कनाली से सुरखाल पाठक तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर चल रहे क्रमिक अनशन के 93वें दिन बेलपट्टी क्षेत्र के ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। सड़क से वंचित दो दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने मंगलवार को तहसील मुख्यालय पहुंचकर जुलूस-प्रदर्शन कर आक्रोश प्रकट किया। ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए एक कार्यक्रम में पहुंचीं विधायक मीना गंगोला ने खुद को कमरे में बंद कर दिया। इससे ग्रामीणों में आक्रोश और अधिक बढ़ गया।

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मड़कनाली से सुरखाल पाठक तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर क्षेत्रवासी तहसील मुख्यालय के निकट विगत तीन माह से क्रमिक अनशन में डटे हुए हैं। बावजूद इसके उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। जिससे आहत सड़क से वंचित 24 से अधिक गांवों के ग्रामीण मंगलवार को तहसील मुख्यालय पहुंच गए। इस दौरान ग्रामीणों ने सड़क संघर्ष समिति अध्यक्ष ललित सिंह बिष्ट के नेतृत्व में पोस्ट ऑफिस लाइन स्थित चामुंडा गेट से तहसील परिसर तक जुलूस निकाला। इस बीच ग्रामीणों को क्षेत्रीय विधायक मीना गंगोला के गैस आफिस में उज्ज्वला गैस वितरण करने की भनक लगी। इसके बाद ग्रामीण जुलूस की शक्ल में गैस आफिस के बाहर पहुंच गए और क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। मामला बढ़ता देख मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए विधायक ने खुद को गैस ऑफिस के कमरे में बंद कर दिया। इससे ग्रामीणों में आक्रोश और अधिक बढ़ गया। पुलिस ने ग्रामीणों को विधायक से मिलने नहीं दिया। विधायक से नहीं मिलने देने पर ग्रामीणों की पुलिस के साथ भी नोंकझोंक हो गई और वह गैस आफिस के बाहर ही धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि का जनता से वार्ता करने के बजाए खुद को कमरे में इस तरह से बंद रखना दुर्भाग्यपूर्ण है। ग्रामीणों ने कहा कि जब एक जनप्रतिनिधि से मिलने के लिए उन्हें इस तरह से अनुमति लेनी पड़ेगी तो ऐसे नेताओं को आगामी चुनाव में वोट मांगने के लिए ग्रामीणों से भी इसी तरह से अनुमति लेनी पड़ेगी। मामला बढ़ते देख विधायक गंगोला ने पुलिस के हवाले से पांच महिलाओं को उनसे वार्ता करने के लिए अंदर बुलाया। विधायक ने महिलाओं से शीघ्र उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया, मगर महिलाओं ने विधायक की एक नहीं सुनीं और कहा जब तक जेसीबी लगाकर सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हो जाएगा, ग्रामीण आंदोलन किसी भी हाल में वापस नहीं लेंगे। विधायक से वार्ता विफल रहने के बाद ग्रामीणों ने 93वें दिन भी क्रमिक अनशन जारी रखा।

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सड़क से वंचित है 24 गांव की करीब सात हजार से अधिक आबादी

मड़कनाली-सुरखाल पाठक सड़क की घोषणा वर्ष 2014-15 में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी, मगर अभी तक यह सड़क नहीं बन पाई है। सड़क के अभाव में 24 से अधिक गांवों की सात हजार की आबादी को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।