उत्तराखंड में भी गहरा सकता है बिजली संकट, कोयले की खरीद हुई बंद, केंद्र ने भी दिया जोर का झटका

576
खबर शेयर करें -

देहरादून। देश में इस समय बिजली उत्पादन के लिए काेयले की भारी कमी की खबरें मिल रही हैं। महाराष्ट्र में जहां 13 थर्मल प्लांट बंद हो चुके हैं, वहीं, पंजाब में रोजाना 3 घंटे तक बिजली कटौती करने का फरमान जारी कर दिया गया है। यूपी, मध्य प्रदेश में भी काेयले की भारी कमी की खबरे हैं। इन सब से उत्तराखंड भी अछूता नहीं है। अंदेशा जताया जा रहा है कि राज्य में भी बिजली उत्पादन के लिए काेयले का संकट खड़ा हो गया है। इससे प्रदेश के बिजली संयंत्रों में बिजली उत्पादन प्रभावित होने आशंका बढ़ गई है। राष्ट्रीय स्तर पर बिजली के दामों में चार दिन में तीन गुना की बढ़ोतरी हो गई है, जिसके बाद उत्तराखंड पाॅवर काॅरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने बिजली खरीद पर रोक लगा दी है। अब रोजाना चार से पांच मिलियन यूनिट की किल्लत हो रही है, जिसकी भरपाई फिलहाल रोस्टर से ही की जा रही है।

प्रदेश में बिजली किल्लत पिछले दो दिन से लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को प्रदेश में बिजली आपूर्ति करने में निगम के हाथ-पांव फूल गए। हालांकि शनिवार को डिमांड में गिरावट आई। रविवार को भी सामान्य डिमांड रही। अब यूपीसीएल के अधिकारियों को सोमवार की चिंता सता रही है। चूंकि अभी कहीं से अतिरिक्त आपूर्ति की व्यवस्था नहीं है। लिहाजा, हो सकता है कि प्रदेश में कई जगहों पर पावर कट झेलना पड़े।

यह भी पढ़ें 👉  एमडीडीए की कार्रवाई- गलत जानकारी देने पर सुपरवाइजर को किया निलंबित
तीन गुना बढ़े काेयले के दाम

दरअसल, चार दिन पहले तक नेशनल एक्सचेंज से बिजली पांच से साढ़े पांच रुपये यूनिट के हिसाब से मिल रही थी। इसके दाम अब बढ़कर 15 से 15.50 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गए हैं। इतने महंगे दामों पर बिजली खरीद से निगम ने हाथ खड़े कर दिए हैं। इस वजह से प्रदेश में बिजली संकट पैदा हो गया है। प्रदेश मेें फिलहाल चार से पांच मिलियन यूनिट की कमी हो रही है, जिसे किसी तरह रोस्टर प्रणाली से पूरा किया जा रहा है। लेकिन सोमवार को यह संकट और बढ़ने की आशंका है।

यूपीसीएल में बिजली खरीद से जुड़े अधिकारी गौरव शर्मा के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर महंगी बिजली होने से खरीद रोकी गई है, लेकिन यूपीसीएल के तीन टेंडर बिजली संकट से निजात दिलाएंगे। पहले टेंडर से इसी सप्ताह बिजली आपूर्ति शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वक्त 41 मिलियन यूनिट बिजली की डिमांड है। राज्य के अपने पाॅवर प्लांट के साथ ही अन्य स्त्रोतों से रोजाना करीब 36 से 37 मिलियन यूनिट बिजली उपलब्ध हो रही है। रोजाना करीब तीन से चार मिलियन यूनिट बिजली बाहर से खरीदनी पड़ती है, लेकिन महंगी होने की वजह से इस खरीद पर रोक लगा दी गई है।

यह भी पढ़ें 👉  किराए के मकान में रह रहे युवक ने की आत्महत्या, मचा कोहराम
केंद्र ने उत्तराखंड का बिजली कोटा घटाया

वहीं, खबर ये भी है कि दिल्ली सहित देश में बिजली संकट गहराने की खबरों के बीच केंद्र ने उत्तराखंड में बिजली कोटा घटा दिया है। यानी केंद्रीय पाॅवर संस्थानों से प्रदेश को जो बिजली मिलती है, उसमें कमी कर दी गई है। इस वजह से भी यूपीसीएल के लिए संकट पैदा होने लगा है। माना जा रहा है कि उत्तराखंड के हिस्से में इसलिए कमी की गई है ताकि जिन जगहों पर कोल आधारित बिजली संयंत्रों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है, वहां आपूर्ति की जा सके।

इस पूरे मुद्​दे को लेकर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि हमारी पूरे परिदृश्य पर नजर है। बिजली किल्लत की आशंका के बीच हम गैस आधारित प्लांट से बिजली लेने की दिशा में भी प्रयास कर रहे हैं। कोशिश रहेगी कि किसी भी हालत में प्रदेशवासियों के लिए बिजली की किल्लत न हो।

यह भी पढ़ें 👉  आग से झुलसी गर्भवती महिला ने तोड़ा दम, ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा

ऐसे ही लेटेस्ट और रोचक खबरें तुरंत अपने फोन पर पाने के लिए हमसे जुड़ें :

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

हमारे यूट्यब चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।