सीएम योगी तक पहुंचा राम मंदिर जमीन घोटाले का मामला, दिए ये आदेश

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लखनऊ। श्री रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट पर लगे जमीन घोटाले के आरोप का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है। मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब कर ली है। उन्होंने ट्रस्ट और जिला प्रशासन से इस मामले में विस्तृत जानकारी देने को कहा है।

दो दिन पहले आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि ट्रस्ट ने राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन में घोटाला किया है। ट्रस्ट ने जो जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी है, वही जमीन 10 मिनट पहले दो करोड़ में बेची गई थी। जमीन के बेचने और खरीदने के दौरान गवाह भी एक ही था। इसके बाद यह मामला पूरे देश में चर्चा के केंद्र में आ गया। विपक्षी दलों ने ट्रस्ट पर जनता का पैसा लुटाने का और हिंदुओं की भावनाओं से विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन भी किया। इस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि करोड़ों लोगों ने आस्था और भक्ति के चलते भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाया। उस चंदे का दुरुपयोग अधर्म है, पाप है, उनकी आस्था का अपमान है।

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वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को कहा कि आरोप लगाने वाले सियासी लोग हैं। सियासत से प्रेरित होकर आरोप लगा रहे हैं। हकीकत तो यह है कि यह जमीन बाजार दर से कम कीमत पर खरीदी गई है।

चार साल पहले हुए एग्रीमेंट के तहत दो करोड़ में बिकी थी जमीन
हालांकि मामला प्रकाश में आने के बाद यह बात कही गई कि जो जमीन दो करोड़ में बेची गई, उसका एग्रीमेंट चार साल पहले किया गया था। मगर तब अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद की वजह से कोई भी जमीन खरीदने को तैयार नहीं होता था, मगर दो साल पहले जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर पक्ष में आया तो एकाएक यहां जमीन के भाव बढ़ने लगे। इस कारण जमीन आज के हिसाब से महंगी हुई है। वहीं, अयोध्या के डीएम ने भी बाद में यही कहा कि जो जमीन खरीदी गई है, अगर उसे अभी बेच दी जाए तो ट्रस्ट फायदे में रहेगा। यह जमीन खरीदी गई रेट से कई गुना महंगी बिकेगी। क्योंकि जमीन जहां स्थित है, उसकी के ठीक सामने प्रस्तावित योजना के तहत अयोध्या रेलवे स्टेशन का मुख्य द्वार बनना है, जिसके कारण इस जगह की जमीन का भाव चढ़ना तय है।