लॉक डाउन में बेरोजगार हुए युवाओं को शिकार बना रहे साइबर ठग, इनके लिए एसबीआई को जारी करना पड़ा अलर्ट

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कोरोना वायरस के चलते हुए लॉक डाउन के बाद तमाम लोग बरोजगार हो गए। मौके का फायदा उठाकर साइबर ठगों ने नौजवान बेरोजगारों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इंडिया पोस्ट, नामी बिस्कुट कंपनी, एम्स के बाद अब स्टेट बैंक में भी नियुक्ति के नाम पर ठगी शुरू कर दी है। ठगों ने रोजगार दिलाने का झांसा देने के लिए स्टेट बैंक ने फेक वेबसाइट तक बना ली। खुद स्टेट बैंक ने इस संबंध में सचेत किया है।

मार्च में लॉक डाउन शुरू हो गया था। लॉक डाउन में कारोबार बंद रहा। अनलॉक होने के बाद भी व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से अब तक पटरी पर नहीं आ पाई हैं। तमाम लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं। सरकारी नौकरियां भी अधर में हैं। ठग ऐसी परिस्थिति का पूरा लाभ उठा रहे हैं। नौकरियों के फर्जी विज्ञापन निकालकर भारी भरकम वेतन देने का दावा किया जा रहा है। युवाओं को आकर्षित करने के लिए आवेदन के लिए वेबसाइट भी बनाई गई है। विज्ञापन भी यूट्यूब अथवा फेसबुक पर ही डाला जाता है। एक बार जाल में फंस जाने पर युवाओं से सिक्योरिटी मनी, जॉब स्थायी करने के बहाने पैसे वसूले जाते हैं। पूरे प्रदेश में ही पिछले चार महीनों में इस तरह के कई केस पकड़ में आये हैं।

स्टेट बैंक ने खुद किया लोगों को सचेत

स्टेट बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक आरके गौड़ ने बताया कि बैंक की तमाम चयन प्रक्रियाओं के बीच ठगों ने स्टेट फर्जी वेबसाइट बना ली। इस पर चयनित उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए। फेक जॉब सेलेक्शन लेटर भी जारी हुए। बैंक ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर अलर्ट जारी कर कहा कि स्टेट बैंक कभी भी चयनित उम्मीदवारों के नाम प्रकाशित नहीं करता। सिर्फ उम्मीदवारों के रोल नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर ही प्रकाशित किए जाते हैं। चयनित उम्मीदवारों को ई-मेल, एसएमएस और डाक के जरिए चयन की सूचना दी जाती है। उम्मीदवार अपने इंटरव्यू और फाइनल रिजल्ट के लिए आधिकारिक वेबसाइट
www.sbi.co.in पर ही नजर रखें। नहीं तो उन्हें धोखा उठाना पड़ सकता है।

नामी बिस्कुट कंपनी में खुली भर्ती का खेल

मई के महीने में नामी बिस्कुट कंपनी में खुली भर्ती के नाम पर बेरोजगार युवकों से वसूली की गई। इस मामले में कंपनी ने जौनपुर के एक युवक पर मुकदमा दर्ज कराया। इस युवक ने यूट्यूब पर सरकारी नौकरियों के भी फर्जी विज्ञापन जारी कर ठगी की थी।

इंडिया पोस्ट में भी जॉब के नाम पर ठगी

जून में जॉब सर्च से जुड़ी वेबसाइट के जरिये इंडिया पोस्ट में स्टाफ ड्राइवर, ग्रामीण डाक सेवक और एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर के आवेदन लिए गए। जबकि इंडिया पोस्ट की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऐसा कोई भी नोटिफिकेशन नहीं था। बाद में इंडिया पोस्ट ने झूठे रिक्रूटमेंट के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया।

एम्स में निकाल दी गईं फर्जी भर्ती


पिछले दिनों एम्स में स्टोर कीपर और सीनियर स्टोर कीपर के 26 पदों के लिए जालसाजों ने फर्जी आवेदन निकाल दिए थे। यह आवेदन भी ऑनलाइन जारी किए गए थे। गवर्नमेंट जॉब्स नाम की एक वेबसाइट के जरिए ठगी की कोशिश की गई। बाद में एम्स प्रशासन ने इसे फर्जी बताया।

ऐसे होती है नौकरी के नाम पर ठगी

0 जॉब रिक्रूटमेंट साइट से निकालते हैं बेरोजगारों का डाटा
0 जॉब कंसल्टेंट बन लोगों को करते हैं ई-मेल
0 गुमराह करने के लिए नामचीन कंपनियों, जॉब पोर्टल या सरकारी विभागों की डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं
0 सोशल प्लेटफार्म के जरिये भी करते हैं प्रचार
0 वॉलेट या बैंक ट्रासफर के जरिये मांगी जाती रजिस्ट्रेशन फीस
0 ऑनलाइन या टेलीफोन से इंटरव्यू कर देते हैं फर्जी नियुक्ति पत्र
0 सिक्योरिटी डिपॉजिट, इंटरव्यू फीस या अन्य चार्ज के नाम पर लेते हैं पैसा
0 सरकारी नौकरी लगवाने के एवज में लेते मोटी रकम

ऐसे बच सकते हैं ठगी से

0 विश्वसनीय और आधिकारिक वेबसाइट के जरिये ही आवेदन करें
0 संदेहास्पद मेल के लिंक को कभी भी क्लिक न करें
0 सरकारी-अर्द्धसरकारी विभाग, निगम में जॉब के विज्ञापन की एक बार सम्बंधित विभाग में पुष्टि करें।
0 विभाग की वेबसाइट और ट्वीटर हैंडल से भी पुष्टि कर सकते।
0 सिक्योरिटी डिपॉजिट, रजिस्ट्रेशन या डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए फीस मांगी जाए तो अलर्ट हो जाएं।
0 ऑफर या एपॉइंटमेंट लेटर के बाद कंपनी के पंजीकृत लैंडलाइन नंबर पर कॉल कर पुष्टि करें
0 लुभावने जॉब ऑफर अक्सर ही फर्जी होते हैं।
0 बगैर औपचारिक इंटरव्यू के ऑफर लेटर मिलना भी फर्जीपन की निशानी है।
(जैसा कि करियर काउंसलर शशि सक्सेना ने बताया)