उत्तराखंड के खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए बनी खेल नीति, सरकार ने रखे ये प्रावधान

245
#
खबर शेयर करें -

न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड में भी खेल नीति (Uttrakhand Sports policy) लागू करने का सरकार ने निर्णय ले लिया है। लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी। खेल नीति न होेने से प्रदेश के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बना पाने में बड़ी मुश्किलें आती थीं। उन्हें अपना प्रदेश छोड़कर दूसरे प्रदेशों या फिर रेलवे की तरफ से अपनी प्रतिभा को तराशना पड़ता है, मगर अब खेल नीति लागू होने से राज्य के खिलाड़ियों को सरकार की तरफ से ही प्रोत्साहन मिल सकेगा। और उन्हें प्रशिक्षण हासिल करने में भी सरकार मदद करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड खेल नीति (Uttrakhand Sports policy) पर मुहर लग गई है। उत्तराखंड खेल नीति के तहत खिलाड़ियों को बीमा आर्थिक सहायता खेल मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को राज्य, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तथा प्रशिक्षण शिविरों में प्रतिभाग करने के लिए राज्य परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा के लिए सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक एवं विद्यालय और महाविद्यालय स्तर तक कमबद्ध रूप से खेल अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिससे राज्य खेल ग्रिड का निर्माण होगा।

खेल विकास संस्थान की स्थापना

राज्य के खिलाड़ियों प्रशिक्षकों एवं निर्णायकों के कौशल विकास का खेल विकास संस्थान की स्थापना की जाएगी, जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण एवं शोध हेतु खेल विज्ञान केन्द्र की स्थापना की जाएगी।

शैक्षणिक संस्थानों में स्पोर्ट्स कोटा

राज्य के प्रतिभावान खिलाडियों को शैक्षणिक, तकनीकी एवं विश्वविद्यालय आदि में प्रवेश के लिए 5 प्रतिशत का खेल कोटा उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही राज्य में खेलों के अवस्थापना सुविधाओं के विकास संचालन, अनुरक्षण खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, प्रोत्साहन एवं खेलों से जुड़े विविध कार्यों हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री खेल विकास निधि विकसित की जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  दर्दनाक हादसा- खाई में गिरा बारात से लौट रहा वाहन, चार की मौत
खेल नीति (Uttrakhand Sports policy) के प्रमुख बिंदु

खेल नीति (Uttrakhand Sports policy) मुख्यतः दो विषयों को समावेशित करता है। पहला सभी के लिए खेल एवं खेलों में उत्कृष्टता, दूसरा ई-कल्चर (इलेक्ट्रॉनिक कल्चर) से पी-कल्चर (प्ले फील्ड कल्चर) की तरफ प्रेरित करता है। खेल प्रतिभाओं को आरम्भिक आयु 8 वर्ष से ही पहचानने एवं उनको तराशने के लिए प्रतिभा श्रृंखला विकास योजना PSAT (Physical and Sports Aptitude Test) लागू की जाएगी। उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के लिए Center Of Excellence स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना

राज्य के उदीयमान खिलाडियों को प्रतिवर्ष आवश्यक टेस्ट एवं उसकी दक्षता की मेरिट के आधार पर 08 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के बालक-बालिकाओं प्रति जनपद 150-150 प्रति जनपद अर्थात पूरे राज्य में 1950 बालकों एवं 1950 बालिकाओं कुल 3900 उदीयमान खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना अन्तर्गत धनराशि रुपए 1500 प्रतिमाह उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना

राज्य के प्रतिभावान खिलाडियों को उनकी खेल सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति से उन्हें खेलों में और अधिक मनोयोग से प्रतिभाग करने के लिए 14 वर्ष से 23 वर्ष तक की आयु के प्रतिभावान खिलाड़ियों को जनपद स्तर पर छात्रवृत्ति, खेल किट, ट्रैक सूट एवं खेल संबंधी अन्य उपस्कर आदि उपलब्ध कराये जाएंगे। प्रतिवर्ष यह सुविधा प्रति जनपद 100-100 ( कुल 2600) प्रतिभावान बालक-बालिकाओं को प्रति खिलाड़ी रुपए 2000 प्रतिमाह की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाएगी और खेल उपस्कर हेतु प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए की सीमा तक मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन कार्यक्रम अन्तर्गत उपलब्ध कराई जाएगी।

आउट ऑफ टर्न नियुक्ति

राज्य की सेवाओं में उच्च स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को समूह ख एवं ग में चयनित विभागों के चयनित पदों पर out of Turn नियुक्ति प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। राज्य में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने हेतु निजी क्षेत्र द्वारा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, खेल अकादमी, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतिभागिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना की जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  अब यहां हुआ हादसा- अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा वाहन, एक की मौत
पुरस्कार राशि में 30 से 50 प्रतिशत की वृद्धि

प्रतिवर्ष पदक विजेता खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार की धनराशि में प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। खिलाड़ियों के लिए दुर्घटना बीमा एवं आर्थिक सहायता 30 प्रतिशत से 50 तक दी जाएगी।

खेल नीति (Uttrakhand Sports policy) के महत्वपूर्ण मुख्य बिंदु
  • खेल संस्कृति के विकास हेतु व्यापक जन जागरूकता अभियान ‘खेल-खेल में’ प्रारंभ किया जाएगा।
  • खेलों में एवं नागरिकों के जीवन में योग को समावेशित करने हेतु विविध स्तरों पर ‘योग से निरोग’ कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा।
  • खेलों को प्राथमिकता के आधार पर विभाजित कर 5-10-15 वर्षों की खेल विकास योजना प्रयोग में लाई जाएगी।
  • राज्य में ग्राम स्तर से नगर निगम क्षेत्र तक खेल अवस्थापना सुविधा विकसित की जायेगी और ‘राज्य खेल ग्रिड’ नाम का नेटवर्क बनाया जाएगा।
  • खेल प्रतिभाओं के कौशल विकास हेतु ‘catch them Young’ की नीति का प्रयोग कर ग्रामीण स्तर से लेकर उच्च स्तरीय खेल प्रशिक्षण विभिन्न स्तरों पर उपलब्ध कराया जाएगा।
  • ‘अंतरराष्ट्रीय खेल विनिमय कार्यक्रम संचालित किया जायेगा।
  • खिलाड़ियों को प्राथमिक प्रशिक्षण सुविधा अंतरविभागीय सहयोग के माध्यम से एवं उच्च स्तरीय प्रशिक्षण Center of Excellence में उपलब्ध कराया जाएगा।
  • खिलाड़ियों को खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराने के लिए न्याय पंचायत से राज्य स्तर तक की प्रतियोगिताओं के आयोजन का विस्तार किया जाएगा।
  • महिला एवं दिव्यांग खेलकूद को समेकित रूप से विस्तारित किया जाएगा।
  • महिलाओं को खेलों से जोड़ने एवं उनमें आत्मरक्षा की भावना विकसित करने के दृष्टिगत बॉक्सिंग, जूडो, कराटे, ताइक्वांडो, किक बॉक्सिंग जैसे खेलों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न स्तरों पर पदक विजेता खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार उपलब्ध कराया जाएगा।
  • उत्कृष्ट खेल प्रतिभाओं को ‘देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार’ के साथ ‘हिमालय पुत्र खेल पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
  • खिलाड़ियों के कल्याणार्थ बीमा/आर्थिक सहायता खेल उपकरणों/ किट हेतु अनुदान एवं राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।
  • खिलाड़ियों को खेल में पूर्ण मनोयोग से जुड़ने के लिए उनके करियर में सहयोग देने के लिए महाविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों, विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए 5 प्रतिशत कोटा उपलब्ध करया जाएगा।
  • उत्कृष्ट खिलाड़ियों और पदक विजेताओं को उनकी प्रतियोगिता के स्तर के अनुरूप विशेष नियुक्ति उपलब्ध कराई जाण्गी, जिससे राज्य में खेलों के विकास हेतु विस्तार प्राप्त होगा।
  • खेलों के विकास में, अवस्थापना सुविधा विकास, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में, खेल प्रोत्साहन, प्रतियोगिताओं के लिए निजी क्षेत्र की सहभागिता को बढ़ावा दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें 👉  ......तो नौकर ने इस बात से नाराज होकर रेता था मासूम का गला, पुलिस ने दबोचा

ऐसे ही लेटेस्ट व रोचक खबरें तुरंत अपने फोन पर पाने के लिए हमसे जुड़ें

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

हमारे यूट्यब चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।