कोरोना जैसे ही हैं सर्दी, वायरल फीवर, डेंगू व मलेरिया के लक्षण। आप शिकार हैं तो न बरतें जांच में कोताही

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न्यूज जंक्शन 24, बरेली।

रातों में बढ़ती ठड़, कोहरे और दिन की धूप से तापमान में काफी परिवर्तन हो रहा है। इससे वायरल फीवर, सर्दी, मलेरिया और डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। वायरल फीवर में सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ बुखार भी आता है। यही लक्षण कोरोना के मरीज में भी सामान्यत: देखने को मिलते हैं। ऐसे में लोगों और डॉक्टरों के लिए यह पहचान पाना मुश्किल है कि मरीज को वायरल फीवर है, या मलेरिया, या फिर कोरोना का संक्रमण है।

वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. वागीश वैश्य ने बताया कि इस समय वायरल फीवर, मलेरिया, डेंगू तेजी से फैल रहा है। कोरोना भी दोबारा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। खास बात यह है कि इन सभी बीमारियों से थोड़ी सी सावधानी बरतने पर बचा जा सकता है। डॉ. वागिश का कहना है कि बुखार, जुकाम, खांसी को लोग हलके में ले कर खुद से भी दवा ले लेते हैं। इससे हालत ज्यादा गंभीर हो जाती है। डेंगू मलेरिया और कोरोना को केवल जांच द्वारा ही पहचाना जा सकता है। इसलिए इन लक्षणो में किसी विशेषज्ञ को ही दिखाना चाहिए।

वायरल फीवर —
खांसी, जुकाम, गले में दर्द के साथ बुखार आता है। सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।

कोरोना वायरस –
जुकाम, खांसी, गले में खराश व दर्द, बुखार, आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होना अहम लक्षण हैं।

मलेरिया और डेंगू
मलेरिया में ठंड या बिना ठंड के बुखार आता है। डेंगू में बुखार के साथ प्लेटलेट कम होती हैं। सिर दर्द और घबराहट हो सकती है।

कोरोना से करें बचाव—
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना से बचने के उपाय हाथों को बार-बार साबुन से धोएं या एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। खांसते और छींकते वक्त टिशू का इस्तेमाल करें और इस्तेमाल करने के बाद इसे तुरंत फेंक दें। टिशू ना हो तो बांह से मुंह ढंककर छींके या खांसे। आंख, नाक और मुंह को न छुएं। लेकिन अगर ऐसा करना जरूरी है तो छूने से पहले और छूने के बाद अपना हाथ जरूर धोएं या उसे सैनिटाइजर से साफ करें। कोशिश करें कि किसी भी सर्दी-जुकाम से पीडि़त व्यक्ति के संपर्क में न जाएं। कुछ भी खाने से पहले हाथ को अच्छे से साबुन या हैंडवाश से धुलें। धुलने का समय कम से कम 20 सेकेंड का होना चाहिए।

मच्छरों को पैदा होने से रोकने के उपाय
घर या ऑफिस के आस-पास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें।
अगर पानी जमा होने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें केरोसिन ऑयल डालें।
रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें, उन्हें सुखाएं और फिर भरें। घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें। अगर रखें तो उलटा करके रखें।
डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। रात को सोते समय मच्छरदानी लगाएं।