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कविता:::घर में बैठे -बैठे रोना आता है
घर में बैठे बैठे रोना आता हैबाहर निकलो कोरोना हो जाता है हर इंसान शिकार हो गयानाकारा बेकार हो गयाएक विषाणु के हमले सेजग सारा बीमार हो गयाहाथ मिलाने से भी जी घबराता हैबाहर निकलो……… […]
घर में बैठे बैठे रोना आता हैबाहर निकलो कोरोना हो जाता है हर इंसान शिकार हो गयानाकारा बेकार हो गयाएक विषाणु के हमले सेजग सारा बीमार हो गयाहाथ मिलाने से भी जी घबराता हैबाहर निकलो……… […]
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