तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे कुमाऊं रेजीमेंट के वीर जवान, हजारों लोगों ने नम आंखों से दी श्रद्धांजलि

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हल्द्वानी। तीन दिन पहले सिक्किम में एक हादसे में शहीद हुए कुमाऊं रेजीमेंट के दोनों जवानों काशीपुर के हिमांशु नेगी और रानीखेत के बृजेश रौतेला का पार्थिव शरीर शनिवार काे शहीदों के घर लाया गया। सेना के जवान तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को लेकर उनके आवास पहुंचे तो वातावरण शोकाकुल हो गया। हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि दी।

रामनगर में हुआ काशीपुर के वीर लाल का अंतिम संस्कार

काशीपुर के लाल हिमांशु नेगी का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह सात बजे पांडे कॉलोनी स्थित उनके आवास लाया गया। 27 मार्च 2019 को हिमांशु कुमाऊं रेजीमेंट में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। बुधवार को सिक्किम में सेना के वाहन से गंगटोक जाते समय शहीद हो गए थे। घर में पिता हीरा सिंह, बहन दीपा, मां कमला, भाई बिरेंद्र और चंदन सहित वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें नम हो गईं। बहन दीपा रोते हुए जमीन पर गिरकर बेहोश हो गई। रिश्तेदार दिव्यांग भाई चंदन को पार्थिव शरीर के पास लेकर गए और अंतिम दर्शन कराया। वहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा, सीओ अक्षय प्रह्लाद कोंडे, तहसीलदार बिपिन चंद्र पंत, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राजीव चौधरी, आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक बाली, आर्मी हेमपुर डिपो के सैन्य अधिकारी-कर्मचारी सहित क्षेत्र के तमाम लोगों ने शहीद के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी, जिसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर सेना के वाहन से अंतिम संस्कार के लिए रामनगर स्थित श्मशान घाट के लिए रवाना हुआ।

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वीर सपूत के इंतजार में दो दिन से पथराई आंखें छलछला उठी

इधर, शहीद जांबाज बृजेश सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर भी शनिवार को ताड़ीखेत उनके घर पहुंच गया, जिसे देख गुरुवार से इंतज़ार कर रहे बृजेश के घरवालों के साथ मौजूद लोगों की आंखें भी छलछला उठी। पिता दलवीर सिंह और ताऊ भारत सिंह भी बिलख पड़े। बदहवास मां पुष्पा देवी अपने जिगर के टुकड़े से मिलने दौड़ पड़ी। उन्हें बमुश्किल संभाला गया। ताड़ीखेत का सरना गांव अपने दुलारे बृजेश के दुनिया से यूं चले जाने के गम में फफक पड़ा। ‘भारत माता की जय’ व ‘शहीद बृजेश सिंह अमर रहे’ की गूंज के बीच हजारों नम आंखों ने अंतिम दर्शन किए। सैन्यसम्मान के साथ गांव के घाट पर अंतिम सलामी दी गई।

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