15 महीने से मुर्दाघर में रखे थे दो शव, सफाई करने गए कर्मियों ने जैसे ही देखा…

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न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। बेंगलुरु में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कोरोना से संक्रमित दो शव 15 महीने से मुर्दाघर (Dead bodies in morgue) में रखे हुए थे। इसका पता तब चला जब अस्पताल के कर्मचारी मुर्दाघर (Dead bodies in morgue) में साफ़ सफाई करने गए। दो शव देखकर वह चौंक गए, क्योंकि उनकी जानकारी के मुताबिक यहां कोई शव नहीं थे।

पता चला कि ये उन दो लोगों के शव हैं, जिनकी 15 महीने पहले कोरोना से मौत हुई थी। परिजनों ने शव लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। इसके बाद शवों को अंतिम संस्कार के लिए बीबीएमपी (बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका) को सौंप दिया गया था, लेकिन किसी वजह से अंतिम संस्कार नहीं हो पाया और अनजाने में ये शव (Dead bodies in morgue) इतने महीने तक रखे रहे।

मामला बेंगलुरु के राजाजीनगर में ईएसआई अस्पताल का है। यहां मुर्दाघर में मरने के 15 महीने बाद कोविड से संक्रमित दो शव मिले हैं। चार दिन पहले शव को अस्पताल के कोल्ड स्टोरेज से बरामद किया गया था, जब कर्मचारी वहां सफाई करने के लिए गए थे। शवों को कोल्ड स्टोरेज में रहने का कारण स्टाफ व डॉक्टरों की लापरवाही बताई जा रही है। टैग की मदद से शवों की पहचान चामराजपेट निवासी दुर्गा (40) और दूसरा बेंगलुरु के केपी अग्रहारा निवासी मुनीराजू (35) के रूप में हुई है। दोनों को जुलाई 2020 में कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए ईएसआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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शवों को एक पुराने मुर्दाघर में स्थानांतरित कर अंतिम संस्कार के लिए बीबीएमपी को सौंप दिया गया। कोविड प्रोटोकॉल के रूप में, बीबीएमपी और नागरिक एजेंसी को कोरोना पीड़ितों के शवों का अंतिम संस्कार करना था क्योंकि शव परिवारों को नहीं दिए गए थे। शवों को रखने के लिए ईएसआई अस्पताल के पुराने मुर्दाघर में छह कोल्ड स्टोरेज बने हैं। हालांकि, कोविड की मौतों में स्पाइक के दौरान, अस्पताल में शवों को मोर्चरी (Dead bodies in morgue) में रखना मुश्किल हो गया था। सरकार ने नए मुर्दाघर का निर्माण किया था, जिसका उद्घाटन दिसंबर, 2020 में किया गया था।

पुराने मुर्दाघर की सफाई के लिए गए सफाई कर्मचारियों ने फ्रीजर से दुर्गंध आती दिखी तो उसमें से दो लाशें मिलीं। राजाजीनगर पुलिस ने मामले में परिजनों का पता लगाने की कोशिश की है। दुर्गा के पति की मौत हो चुकी है और उनके परिवार ने शव लेने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। पुलिस मुनीराजू के परिवार वालों का पता लगाने की कोशिश कर रही थी। शवों (Dead body in morgue) को संभालने में पूरी तरह से लापरवाही बरतने के लिए ईएसआई अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों के खिलाफ जनता अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रही है।

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