Up : मायावती के करीबी रहे रामवीर उपाध्याय का बसपा से इस्तीफा, यह रही वजह…

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न्यूज जंक्शन 24, हाथरस : बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज और शीर्ष नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री रामवीर उपाध्याय ने मायावती का साथ छोड़ दिया है। इससे पार्टी को तगड़ा झटका लगा है, उन्होंने बसपा सुप्रीमो को इस्तीफा भेज दिया है। सूत्रों की मानें तो वे जल्द ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

हाथरस जिले की सादाबाद विधानसभा सीट से जीतने वाले बसपा के शीर्ष नेता रामवीर उपाध्याय अब हाथी की सवारी करते नहीं देखेंगे। 25 साल तक बहुजन समाज पार्टी में राजनीति करने वाले मजबूत नेता ने अब मायावती का साथ छोड़ दिया है।

लगातार पांच बार रहे विधायक और मंत्री

बसपा से लगातार पांच बार विधायक रहे रामवीर उपाध्याय बहुजन समाज पार्टी में ब्राह्मणों के लोकप्रिय नेता कहे जाते थे, बसपा की सरकार में वह हमेशा नंबर दो के कैबिनेट मंत्री रहे। ऊर्जा एवं परिवहन जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी उन्होंने बखूबी निभाई। उन्हें बसपा सुप्रीमो मायावती का सबसे ज्यादा करीबी और विश्वासपात्र भी कहा जाता था। लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें 2019 में पार्टी से निलंबित कर दिया। तब से वह बसपा में निलंबित विधायक के रुप में कार्य कर रहे थे। मगर आज अचानक उन्होंने बसपा सुप्रीमो को लिखे पत्र में अपनी पीड़ा बयां करते हुए पार्टी को अलविदा कह दिया।

मायावती को लिखे पत्र में पीड़ा का किया खुलासा

उन्होंने मायावती को संबोधित पत्र में कहा कि वह हमेशा पार्टी के प्रति निष्ठावान रहे, बसपा सुप्रीमो के हर आदेश को उन्होंने पूरी इमानदारी से माना और उसका पालन किया। लेकिन पार्टी में जैसे-जैसे फौरी तौर से काम होने लगा, तब से पार्टी के वोट बैंक खिसकने संभावनाएं बढ़ गई। लोकसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने बसपा सुप्रीमो को पार्टी की कमजोर हालत से अवगत कराया था। मगर बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनकी उस सलाह को नकारात्मक रूप में लिया गया और पार्टी से निलंबित कर दिया। लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणामों ने उनकी दी गई सलाह पर मोहर लगा दी और बसपा को बेहद खराब प्रदर्शन से गुजरना पड़ा। इससे यह साबित हो गया कि जिस ईमानदारी से वह बसपा से जुड़े रहे और काम किया वहां अब उनका सम्मान नहीं रह गया है। इसलिए वह बसपा से इस्तीफा दे रहे हैं।

भाजपा में हो सकते हैं शामिल

चर्चा है कि रामवीर उपाध्याय बहुत जल्द भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। क्योंकि पिछले दिनों अलीगढ़ हाथरस के दौरे पर पहुंचे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने रामवीर उपाध्याय की जमकर तारीफ की थी। इधर, रामवीर उपाध्याय के प्रति भाजपा शासन में अधिकारियों का सॉफ्ट कॉर्नर भी देखा गया। इससे उनके भाजपा में शामिल होने की पूरी संभावना जताई जा रही है।

भाजपा को मिलेगी बड़ी ताकत

पार्टी सूत्रों का कहना है कि रामवीर उपाध्याय के रूप में भाजपा को भी अलीगढ़ हाथरस समेत ब्राह्मण समाज में काफी मजबूत मिलेगी वह एक जिताऊ नेता है और उनका अपने क्षेत्र में खासा प्रभाव है अब देखते हैं रामवीर उपाध्याय आदि राजनीति के पत्ते किस दल में खोलते हैं।

छोटे भाई हैं भाजपा विधायक

भाजपा से उनकी नजदीकी का एक कारण उनके छोटे भाई मुकुल उपाध्याय का होना भी है। मुकुल भाजपा में काफी सक्रिय नेताओं से हैं और वह अलीगढ़ जिले की कोल विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं।