अमेरिका ने इराक और सीरिया पर किया हवाई हमला, पांच की मौत, हमले के पीछे यह रहा कारण

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नई दिल्ली। अमेरिका ने इराक और सीरिया में ईरान समर्थित लड़ाकों के ठिकानों पर हवाई हमला किया है। इस हमले में सशस्त्र बल के पांच लड़ाकों के मारे जाने की खबरें हैं। ये हमले हथियार भंडारण सुविधाओं पर किए गए, जिनका इस्तेमाल ड्रोन हमलों के लिए किया जा रहा था। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि जिन ठिकानों पर कार्रवाई हुई है, वहां से इराक में अमेरिकी सैनिकों पर कई ड्रोन हमले हुए हैं।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बताया कि अमेरिकी सेना ने बेहद जरूरी और सीमित दायरे में सीरिया के दो और इराक स्थित एक ठिकाने को निशाना बनाया है। उन्होंने इस कार्रवाई को कानून के दायरे में रक्षात्मक बताते हुए कहा कि यह ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों के हमलों का जवाब है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने इराक-सीरिया सीमा पर हमला करने के आदेश दिए थे।
बाइडन ने राष्ट्रपति बनने के बाद गत पांच महीने में दूसरी बार ईरान समर्थिक मिलिशिया समूहों पर सैन्य कार्रवाई के आदेश दिए हैं। बता दें कि सीरिया में ईरान समर्थित इन समूहों को इस्राइल के लिए भी बड़ा खतरा माना जा रहा है। ये हमले ऐसे वक्त पर किए गए हैं जब अमेरिका एक तरफ तो ईरान से जुड़े इराकी गुटों को हाल में हुए हमलों का दोषी ठहराता रहा है, वहीं तेहरान के साथ एटमी समझौते को दोबारा लागू करने की उम्मीद भी करता है।

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इस साल की शुरुआत से अब तक इराक में अमेरिकी प्रतिष्ठानों और अमेरिकियों के खिलाफ 40 से अधिक हमले हो चुके हैं। इराक में 2,500 अमेरिकी सैनिक इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के तहत तैनात हैं। किर्बी ने कहा कि ईरान समर्थित समूहों द्वारा इराक में अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ लगातार जारी हमलों को देखते हुए राष्ट्रपति बाइडन ने इन हमलों को रोकने के लिए कार्रवाई के आदेश दिए। इस दौरान इराक और सीरिया में ऑपरेशनल और हथियार भंडारण वाले ठिकानों को तहस-नहस किया गया है

एक बच्चे की भी मौत

अमेरिका ने इस हमले में हुए नुकसान और हताहतों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा है कि अमेरिकी युद्धक विमानों के हमले में कम से कम पांच ईरान समर्थित इराकी लड़ाके मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं। वॉर मॉनिटर ने कहा है कि इस हमले में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया, जबकि सीरियाई समाचार एजेंसी सना ने एक बच्चे की मौत की पुष्टि की है। पेंटागन के प्रवक्ता ने बताया कि ये हमले अमेरिकी बलों की रक्षा के लिए बेहद जरूरी हो गए थे।

ईरान ने कहा- क्षेत्र में सुरक्षा हो रही बाधित

ईरान ने अमेरिका से क्षेत्र में संकट पैदा करने से बचने का आह्वान किया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खतीबजादेह ने कहा, निश्चित रूप से अमेरिका जो कर रहा है उससे क्षेत्र में सुरक्षा बाधित हो रही है और इस व्यवधान के पीड़ितों में से एक अमेरिका भी होगा। बता दें कि इन दिनों पेरिस में परमाणु समझौते को लेकर वार्ता जारी है

वहीं, ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ईरान ने अब तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है कि संयुक्त राष्ट्र के परमाणु जांचकर्ताओं को देश के एटमी स्थलों पर निगरानी फुटेज तक पहुंच देने के लिए समझौते का विस्तार किया जाए या नहीं। इससे पहले ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों के भीतर की तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को देने से इन्कार कर दिया है। ईरान की दलील है कि दोनों में हुआ समझौता पिछले सप्ताह एक माह के विस्तार के साथ अब खत्म हो चुका है।

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