नगर पंचायत केलाखेड़ा अध्यक्ष की चली गई कुर्सी, जानिए क्यों हुआ ऐसा, अब बाजपुर एसडीएम देखेंगे कामकाज

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रुद्रपुर। दो से अधिक संतान होने के मामले में ऊधमसिंह नगर के केलाखेड़ा नगर पंचायत के अध्यक्ष हामिद अली की कुर्सी चली गई है। शासन के आदेश पर उन्हें पद से हटा दिया गया है। बीते दिनों ही कोर्ट ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया है, जिसके बाद शुक्रवार को हामिद अली को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ गई। अब नया अध्यक्ष चुने जाने तक नगर पंचायत में बाजपुर एसडीएम को प्रशासक के तौर पर तैनात कर दिया गया है। वही अब नगर पंचायत के दायित्वों और वित्तीय अधिकारों का निर्वहन करेंगे। एक महीने के अंदर दो से अधिक बच्चेे होने पर किसी जनप्रतिनिधि को पद से हटाने का प्रदेश में यह दूसरा मामला है।

नगर पंचायत केलाखेड़ा के अध्यक्ष पद पर हामिद अली के साथ अकरम खां ने भी चुनाव लड़ा था। अकरम खां ने नामांकन के दौरान आपत्ति जताई थी कि हामिद अली के तीन बच्चे हैं। तीनों अप्रैल, 2003 के बाद जन्मे हैं, जबकि नियम के तहत अप्रैल 2003 के बाद दो से अधिक संतान होने पर चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है। इसके बाद भी हामिद अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़कर जीत गए। इसके खिलाफ अकरम ने प्रथम अपर जिला न्यायाधीश रुद्रपुर यूएस नगर की अदालत में याचिका दायर की। अदालत ने सुनवाई करते हुए 22 जुलाई को हामिद अली को अध्यक्ष पद अयोग्य घोषित करते हुए नगर पंचायत केलाखेड़ा के अध्यक्ष पद को रिक्त घोषित कर दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने इस मामले को शासन से अवगत कराया। सचिव प्रभारी विनोद कुमार सुमन ने शुक्रवार को दो से अधिक संतान होने के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 2016 की धारा 48 सपठित धारा- 12 घ व धारा 43 कक के तहत हामिद अली को अध्यक्ष पद के लिए अनर्ह घोषित करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष पद को रिक्त घोषित कर दिया है। इसके बाद डीएम रंजना राजगुरु ने हामिद अली को नगर पंचायत अध्यक्ष पद से हटा दिया है। नए अध्यक्ष के कार्यभार ग्रहण किए जाने तक एसडीएम बाजपुर को वित्तीय व दायित्वों का निर्वहन करने के लिए प्रशासक नियुक्त किया गया है।

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दो से अधिक बच्चे होने पर लक्सर सभासद ने भी खोई थी कुर्सी

इससे पहले हरिद्वार जिले के लक्सर नगर पालिका से वार्ड नंबर चार की सभासद नीता पांचाल को भी तीन बच्चे होने पर पद से हटा दिया गया था। प्रदेश में स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधियों के लिए अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है। बता दें दो माह पहले डीएम ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। जिसके आधार पर कार्रवाई की गई। सभासद नीता पांचाल साल 2018 में निर्वाचित होने के बाद तीसरी संतान को जन्म दिया था। उनके खिलाफ निर्वाचन की शर्त का उल्लंघन की शिकायत जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर के पास पहुंची। जिलाधिकारी ने जांच एसडीएम लक्सर और नगर पालिका ईओ के जरिये कराई। इसमें शिकायत सही पाई गई। शहरी विकास विभाग ने डीएम हरिद्वार की रिपोर्ट के आधार पर नीता पांचाल की सदस्यता समाप्त की। इस संबंध में सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली ने मंगलवार को आदेश जारी किए। नीता पांचाल लगातार दूसरी बार भाजपा के टिकट पर पार्षद निर्वाचित हुई हैं।

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यह है शासनादेश

सरकार की ओर से 2 जुलाई 2002 के सरकारी गजट जारी किया गया। सरकारी गजट की शर्तों के अनुसार 21 सितंबर 2003 के बाद दो बच्चों से अधिक जीवित संतान होने पर ऐसे किसी भी महिला व पुरुष प्रत्याशी के चुनाव लड़ने पर पाबंदी है। परिवार नियोजन का यह फार्मूला निकाय चुनाव लड़ने वाले उन लोगों पर भारी पड़ेगा, जिनकी दो से ज्यादा संतान है।

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