यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्र, कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से उठाई यह मांग, त्रिवेंद्र ने दिया जवाब

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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। रूस-यूक्रेन के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। ऐसे में वहां पढ़ाई कर रहे छात्रों (Uttarakhand students in Ukraine) के परिजन चिंतित हो उठे हैं। हालांकि, यूक्रेन में रह रहे छात्रों के परिजनों का कहना है कि उनकी बच्चों से बात हो रही है और अभी तो सब ठीक है, लेकिन बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सभी परिजन अपने बच्चों को अब वापस बुला रहे हैं।हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि वहां पर उत्तराखंड के कितने छात्र हैं?

यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे छात्रों (Uttarakhand students in Ukraine) की मानें तो वहां पर उत्तराखंड के छात्रों की संख्या 400 से 500 के बीच हो सकती है तो वहीं इस सब के बीच अब कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार से हेल्पलाइन नंबर जारी करने की मांग की है। जिससे यूक्रेन से छात्र मदद के लिए सीधा संपर्क कर सकें। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वशी जैदी ने कहा कि हालांकि, केंद्र सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, लेकिन प्रदेश सरकार अभी भी कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं। जबकि, अभी यह आंकड़े भी साफ नहीं हो पाए हैं कि उत्तराखंड के कितने छात्र यूक्रेन में हैं?

उनका कहना है कि छात्रों (Uttarakhand students in Ukraine) के लिए भारतीय दूतावास और उनकी यूनिवर्सिटी ने वापसी की एडवाइजरी जारी कर दी है। जैदी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि यूक्रेन में फंसे छात्रों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर उन्हें वापस लाने के लिए उचित व्यवस्था की जाए, जिससे छात्र सकुशल स्वदेश लौट सकें। इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी सीएम पुष्कर धामी को पत्र लिखकर यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्र (Uttarakhand students in Ukraine) और रोजगार के लिए गए लोगों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार से विशेष विमान की व्यवस्था करने की मांग की है।

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पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने दिया यह जवाब

इस पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का जवाब सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की समस्या कोरोनाकाल में भी देश के सामने आई थी। इसलिए हमें केंद्र सरकार पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि यूक्रेन और रूस का अंतरराष्ट्रीय नीतियों का मामला है। इस पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की जा सकती. रही बात हेल्पलाइन नंबर की तो केंद्र सरकार अपने लोगों को लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत ने शुरू किया अपने नागरिकों को वापस लाने का मिशन

भारत ने यूक्रेन व आसपास के क्षेत्रों में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए निकासी अभियान शुरू कर दिया है। भारत ने इस विशेष अभियान के लिए 200 से ज्यादा सीटों वाले ड्रीमलाइनर बी-787 विमान को तैनात किया है। यह फ्लाइट यूक्रेन के खार्किव से लगभग 242 भारतीय छात्राें को लेकर मंगलवार रात करीब 11.30 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंच चुकी है। फ्लाइट को रात 10.15 बजे दिल्ली पहुंचना था लेकिन उड़ान में देरी की वजह से यह विमान देर से पहुंचा। भारत ने अतिरिक्त उड़ानों को संचालित करने का फैसला किया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास के मुताबिक, कीव से दिल्ली के लिए अतिरिक्त उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी (दो उड़ानें) और 6 मार्च, 2022 को संचालित होंगी।

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छात्रों से तुरंत यूक्रेन छोड़ने की अपील

इधर, यूक्रेन संकट के बीच भारत ने एक बार फिर अपील की है कि भारतीय नागरिक व छात्र तुरंत यूक्रेन छोड़ दें। यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास की ओर से एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें भारतीय छात्रों से तुरंत यूक्रेन छोड़ने की अपील की गई है। कहा गया है कि, भारतीय छात्र विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं की आधिकारिक पुष्टि के बजाय वापस वतन लौट आएं। दूतावास ने बताया कि, उसके पास बड़ी संख्या में फोन आ रहे हैं, इसमें छात्र मेडिकल विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं की पुष्टि के बारे में पूछ रहे हैं। दूतावास ने कहा है कि, छात्र व नागरिक अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्थाई रूप से वापस लौट आएं। शिक्षा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए भारतीय दूतावास संबंधित अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है।

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