उत्तराखंड के पूर्व DGP ने अफसरों पर सरकार को गुमाह करने का लगाया सनसनीखेज आरोप

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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। कथित फर्जीवाड़ा कर आरक्षित वन भूमि कब्जाने का मुकदमा दर्ज होने के बाद उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू ने बुधवार को दावा किया कि यह मामला पहले से ही अदालत में विचाराधीन है। शासन को गुमराह कर उनके खिलाफ दोबारा मुकदमा दर्ज किया गया है । सिद्धू ने कहा कि मेरा मानना है कि कोई भी शासन न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना करते हुए आदेश नहीं दे सकता और अगर कोई ऐसे आदेश शासन की तरफ से आया है तो वह शासन को गुमराह करके और न्यायालय के आदेशों को छुपा करके करवाया गया है।

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क्या है मामला

उत्तराखंड सरकार से अनुमति मिलने के बाद मसूरी के प्रभागीय वन अधिकारी आशुतोष सिंह ने 23 अक्टूबर को सिद्धू और सात अन्य के खिलाफ राजपुर थाने में आरक्षित वन भूमि जमीन कब्जाने और सरकारी पद का दुरूपयोग करने का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सिद्धू ने 2012 में अपर पुलिस महानिदेशक पद पर रहते हुए मसूरी वन प्रभाग में पुरानी मसूरी रोड स्थित वीरगिरवाली गांव में 0.7450 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि कथित रूप से फर्जीवाडा कर खरीदी।

25 वृक्षों को अवैध तरीके से कटवाने का आरोप

आरोप है कि उस जमीन पर लगे साल के 25 वृक्षों को भी उन्होंने अवैध तरीके से कटवा दिया । सिद्धू ने आरोप लगाया है कि 2013 में जमीन पर पेड़ कटे होने की जानकारी देने के बाद ही वन विभाग ने मामले में कार्रवाई शुरू की थी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ हाल में दर्ज मुकदमा अदालत की अवमानना का मामला बनता है क्योंकि यह मामला विचाराधीन है । सिद्धू के खिलाफ साल के पेडों की अवैध कटाई का मुकदमा दर्ज किया गया था जो देहरादून की एक स्थानीय अदालत में चल रहा है ।