चमोली आपदा के एक साल बाद भी मिल रहे शव, मलबे से निकली टनल इंचार्ज की लाश

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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। चमोली के रैणी गांव में 7 फरवरी 2021 को आई आपदा (Chamoli disaster) के करीब एक साल बीत चुके हैं, मगर बुधवार को इसकी यादें तब फिर से ताजा हो गईं, जब एक साल बाद जोशीमठ ब्लॉक के तपोवन स्थित एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट की टनल के अंदर से एसडीआरएफ की टीम ने एक और शव बरामद किया है।

एसडीआरएफ ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जोशीमठ भेजा है। शव की पहचान अजित सिंह ठाकुर ग्राम मिलनगो तहसील पौंटा साहिब हिमाचल प्रदेश के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक, मृतक एजीएम रित्विक कंपनी में टनल इंचार्ज के पद पर नियुक्त था और कंपनी के कर्मचारियों ने ही शव की शिनाख्त की है।

7 फरवरी 2021 को रैणी गांव में आई भीषण आपदा (Chamoli disaster) के बाद ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले कई कर्मचारियों और मजदूरों की सैलाब की चपेट में आने से मौत हो गई थी। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने टनल के अंदर रेस्क्यू चलाकर कई शवों को बरामद किया था। लेकिन अभी भी टनल के अंदर जैसे-जैसे मलबा साफ हो रहा है, वैसे-वैसे मलबे के अंदर शव नजर आ रहे हैं।

इस आपदा (Chamoli disaster) से भारी तबाही मची थी, जिसकी चपेट में आने से ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना और एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना में कार्यरत 204 लोगों की मौत हो गई थी। अभी भी कई लोग लापता चल रहे हैं। अब करीब एक साल बाद टनल के अंदर से एक और शव बरामद हुआ है।

ये थी इस आपदा की वजह

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने जांच के बाद पाया कि करीब 5,600 मीटर की ऊंचाई से रौंथी पीक (Raunthi Peak) के नीचे रौंथी ग्लेशियर कैचमेंट में लटकता हुआ ग्लेशियर टूट गया था। बर्फ और चट्टान का यह टुकड़ा करीब 3 किलोमीटर नीचे की ओर सफर तय कर करीब 3,600 मीटर की ऊंचाई पर रौंथी धारा तक पहुंच गया था और बाद में ऋषिगंगा की जलधारा से मिलकर जल प्रलय (Chamoli disaster) ले आया था।

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