कलक्ट्रेट में तैनात महिला बाबू के प्राइवेट ट्यूटर पति ने कर ली आत्महत्या, ये बताई वजह

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न्यूज जंक्शन 24, बरेली।

कलेक्ट्रेट के बचत दफ्तर की बाबू के प्राइवेट ट्यूटर पति ने सरकारी आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिनके पास से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें उन्होंने किसी को भी अपनी मौत का जिम्मेदार नहीं बताया है और मौत को गले लगाने का कारण जिंदगी से परेशान होना बताया है।

            आगरा के खंदौली निवासी प्रकाशनी शुक्ला बरेली के बचत दफ्तर में लिपिक हैं। उनके पति सुनील सारस्वत (33) ट्यूटर हैं। प्रकाशनी ने बीस दिन पहले जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है। दोनों पति-पत्नी पुरानी जेल रोड पर बने कलक्ट्रेट के सरकारी क्वार्टर में रहते हैं। परिवार वालों ने बताया कि दंपति का सरकारी आवास दूसरी मंजिल का है और हाल में ही प्रकाशनी ने जुड़वा बच्चों का जन्म दिया है। जिसके कारण दंपति ने कुछ समय के लिये ही बुखारा पर एक मकान किराये पर ले लिया था। जुड़वा बच्चों के अलावा उनका एक सात साल का बेटा और भी है। मृतक सुनील बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के लिये जाते हैं। इसलिए अधिकतर रात को अपने सरकारी क्वार्टर में रुक जाते थे। मंगलवार को भी वह बच्चों को पढ़ाने के लिये शहर आये थे। इसके बाद वह घर नहीं पहुंचे तो पत्नी प्रकाशनी ने फोन किया पर फोन नहीं उठा। काफी समय तक फोन पर बात न करने पर परेशान पत्नी ने लखीमपुर खीरी में रहने वाले अपने बहनोई प्रवीण अवस्थी को फोन कर सूचना दे दी। बुधवार को उनके बहनोई और बहन बरेली पहुंच गये। जिसके बाद वह सीधे सरकारी क्वार्टर पहुंचे जहां पर उन्होंने अंदर से गेट बंद देख पुलिस को सूचना दी। तो काफी देर तक खटखटाया। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर जाकर देखा तो पंखे में बंधे दुपट्टे से सुनील का शव लटक रहा था।

जिंदगी से हूं परेशान 

सुनील के शव के पास से मिले सुसाइड नोट पर लिखा है कि वह जिंदगी से परेशान है और फंदे पर लटककर जान दे रहा है। इसके अलावा लिखा था कि इसके लिये कोई जिम्मेदार नहीं है। मेरी मौत के बाद किसी को भी परेशान न किया जाये और प्रकाशनी बच्चों को लेकर उनके माता-पिता के पास चली जाये। 

सीमित रह गये थे ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चे

कोतवाली इंस्पेक्टर गीतेश कपिल ने बताया कि सुनील पहले बुखारा के एक इंटर कॉलेज में टीचर थे। इसके अलावा शहर में भी वह कुछ बच्चों को ट्यूशन देते थे। लॉकडाउन होने के बाद से स्कूल बंद हो गये थे। इसके बाद ट्यूशन भी बंद होने लगी थीं। जिसके बाद अंदेशा लगाया जा रहा है कि बच्चों को पढ़ाने का शौक रखने वाले को बच्चों को पढ़ने के लिये नहीं मिल रहा था। इस वजह से आत्महत्या की हो। हालांकि उनके परिवार की स्थिति काफी ठीक है और पत्नी सरकारी कर्मचारी है। इंस्पेक्टर कोतवाली के मुताबिक अभी तक आत्महत्या का सही कारण पता नहीं लग पा रहा है।