पटाखा फोड़ते समय हो गई गलती, युवक के साथ हो गई ये अनहोनी

1332
खबर शेयर करें -

दिवाली की रात आतिशबाजी एक परिवार को जिंदगी भर का दर्द दे गया। पटाखा फोड़ते समय एक युवक के पेट के पास पटाखा फट गया। पेट फटने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

मोहल्ला बक्सरिया निवासी स्वर्गीय लेखराज राजपूत का सबसे छोटा बेटा मदन मोहन (24) दिवाली पर रात करीब 11बजे मोहल्ले के सभी बच्चे अपने-अपने पटाखे बजाने में लगे हुए थे। उसी समय मदन मोहन ने लोहे की रॉड में गंधक पोटाश भरकर चलाने लगा। इस दौरान नाल फट जाने से मदन मोहन के पेट में लग गई जिससे उसका पेट फट गया।

आनन-फानन में पहुंचे थे अस्पताल

-आसपास के लोग उसे अस्पताल लेकर पहुंचे जहां इलाज के उपरांत डॉक्टर ने मदन मोहन को मृतक घोषित कर दिया। यह सुनते ही मृतक के बड़े भाई ओम शंकर के होश उड़ गए।

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand big news : बिजली बिल वसूलने गई टीम और अधिकारियों को घेरकर पीटा, सिर फोड़ा और किया यह हाल...

भाइयों के पास रहता था मदन

-मृतक मदन मोहन के दो बड़े भाई हैं। बड़े भाई का नाम ओम शंकर, छोटे भाई का नाम पवन है। उनके पिता की मृत्यु 15 वर्ष पहले हो चुकी है। मदन अपने भाइयों के साथ रहकर मिठाई की दुकान पर कारीगरी कर घर का गुजारा कर रहा था। वो अविवाहित था।

खुद की गलती से हुआ हादसा

बड़े भाई ने तहरीर में लिखा कि पटाखा चलाते समय मदन गंभीर रूप से घायल हुआ था। इसमें किसी की कोई गलती नहीं है। उसकी स्वयं की गलती से उसकी जान चली गई। मोहल्ले में हादसे के बाद दिवाली की खुशी की जगह मातम फैल गया।

यह भी पढ़ें 👉  वन्य जीव विहार में उड़ाया हैलीकॉप्टर, वन विभाग ने अपनाया कड़ा रवैया

क्या होता है गंधक पोटाश

-गंधक पोटाश के लिए लोहे की राड (पानी के पाइप का टुकड़ा) लिया जाता है। आगे बेल्डिंग कराकर एवं पीछे से सरिया में पाइप जोड़ते हैं। आगे के हिस्से में गंधक पोटाश भरी जाती है और पीछे से सरिया से चोट करने पर धमाका होता है।