रक्षाबंधन पर्व पर इस बार बन रहा ऐसा योग, भाई-बहन के प्यार में घोलेगा मिठास

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बरेली। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन त्रिमुहूर्त व्यापनी भद्रा रहित काल में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस बार रक्षाबन्धन 3 अगस्त को सावन के आखिरी सोमवार को होगा। शास्त्रीय मान्यता अनुसार भद्रा में राखी बांधना निषेध होता है, क्योंकि श्रावणी राजा को क्षति करती है। परन्तु शास्त्र के अनुसार भद्रा का निवास तीनों लोकों में होता है, जिस समय भद्रा जहां निवास करती है फल भी वहीं का देती है।


बालाजी ज्योतिष संस्थान के पं. राजीव शर्मा ने बताया कि इस बार भद्रा सूर्य उदय से प्रात: काल 9:28 बजे तक ही रहेगी। अत: प्रात: काल 9:28 बजे के बाद पूरे दिन त्योहार मनाया जा सकेगा। पंचाग के मुताबिक पूर्णिमा पूरे दिन रहकर रात्रि 9:29 बजे समाप्त होगी। इस दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र प्रात: 7:19 बजे तक रहेगा तत्पश्चात श्रवण नक्षत्र लगेगा जोकि पूरी रात रहेगा। इस दिन प्रीति योग प्रात: 6:38 बजे तक रहेगा तत्पश्चात बेहद शुभ आयुष्मान योग अगले दिन तक रहेगा। रक्षाबन्धन का पर्व रक्षा और स्नेह का प्रतीक होता है, जो व्यक्ति रक्षा सूत्र बंधवाता है, वह यह प्रण लेता है कि बांधने वाले की वह सदैव रक्षा करेगा। द्वापर युग में भी द्रोपदी ने भगवान श्रीकृष्ण की कलाई में अपनी साड़ी का पल्लू बांधा था। इसे रक्षा सूत्र मानकर भगवान श्री कृष्ण ने कौरवों की सभा में द्रोपदी की लाज बचाकर उसकी रक्षा की थी। इस पर्व पर वृक्षारोपण भी किया जाता है जिसका विशेष फल प्राप्त होता है वृक्ष परोपकार के प्रतीक है, जो बिना माँगे फल, लकड़ी, छाया और औषधि प्रदान करने के साथ जीवनदायी प्राणवायु देते है।


व्रत एवं पूजन विधि


इस दिन व्रती को चाहिए कि सविधि स्नान करके देवता पितर और ऋषियों का तर्पण करें। दोपहर को सूती वस्त्र लेकर उसमें सरसो, केसर, चन्दन, अक्षत एवं दूर्वा रखकर बांधे, फिर कलश स्थापन कर उस पर रक्षा सूत्र रखकर उसका यथाविधि पूजन करें। उसके पश्चात् किसी ब्राह्मण से रक्षा सूत्र को दाहिनें हाथ में बंधवाना चाहिए। इस दिन प्रात: काल स्नान आदि के पश्चात् सूर्य देव को जल चढ़ाकर, शिव जी की अराधना कर शिवलिंग पर जल चढ़ायें। लाल व केसरिया धागे को गंगाजल, चंदन, हल्दी व केसर से पवित्र कर गायत्री मंत्र का जाप करते हुये अपने घर के मुख्य द्वार पर बांधे फिर बहन-भाईयों आदि को राखी बांधे। पं. राजीव शर्मा ने बताया कि इस बार कोविड-19 वैश्विक महामारी में आयुष्मान योग में राखी बांधने से लम्बी आयु का वरदान प्राप्त होता है।