राज्य कर विभाग में वर्षों से एक ही पद पर जमे अधिकारियों के होंगे तबादले !

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— चुनाव को देखते हुए शासन व मुख्यालय स्तर पर तैयार की जा रही सूची
— चुनाव में ड्यूटी कर चुके अधिकारियों को प्राथमिकता से किया जा रहा शामिल

हल्द्वानी: लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही विभिन्न विभागों में वर्षों से जमे अधिकारियों के तबादले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विभाग ऐसे अधिकारियों की सूची बनाने में जुट गए हैं। अगर इस प्रक्रिया के तहत सही से काम हुआ तो राज्यकर विभाग में सबसे ज्यादा उलटफेर होने की संभावना है। क्योंकि यहां कई अधिकारी वर्षों से एक ही जिले में टिके हुए हैं।

वर्षों से एक ही जगहों पर जमे अधिकारी राज्य निर्वाचन आयोग के निशाने पर आ गए हैं। शासन ने भी नैनीताल-ऊधम सिंह नगर संसदीय सीट पर सालों से मलाईदार पदों पर जमे अधिकारियों की सूची बनाना शुरू कर दी है, जल्द ही उन पर तबादले की गाज गिर सकती है।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने अधिकारियों के स्थानांतरण से जुड़ी नीति में बदलाव किया है। नए निर्देशों के अनुसार, सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एक ही लोकसभा में पिछले तीन वर्षों से सेवाएं दे रहे अफसर का तबादल अन्य लोकसभा में किया जाएगा।

इधर, राज्य कर विभाग में अधिकारी नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में इधर-उधर होते रहते हैं। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जिले एक ही संसदीय सीट का हिस्सा हैं। ऐेसे में राज्य कर विभाग में एक ही पद पर वर्षों से नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में घूम रहे अफसरों को पहाड़ चढ़ना पड़ सकता है।

चुनाव आयोग के निेर्देशों के बाद शासन व मुख्यालय स्तर पर भी सूची तैयार की जा रही है। साथ ही ऐसे अधिकारियों को भी चिन्हित किया जा रहा है जिन्होंने पूर्व में लोकसभा, विधानसभा चुनाव में ड्यूटी की हो।

कोट:-
ऐसे कोई अधिकारी जिन्होंने चुनाव ड्यूटी की हो उन्हें हटाने का प्रावधान है। ऐसे अफसरों की सूची तैयार की जा रही है, उन्हें जल्द ही स्थानांतरित किया जाएगा।
= दलीप जावलकर, वित्त सचिव, देहरादून

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ऐसे अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

राज्य कर विभाग की एक विंग में बतौर प्रभारी तैनात अधिकारी आठ वर्षों से तैनात हैं। सूत्रों का कहना है कि एक अधिकारी तो अगस्त 2016 में रुद्रपुर में इस पर आए थे तब से इसी पद पर हैं। वर्ष 2017 में विधानसभा, वर्ष 2019 में लोकसभा, वर्ष 2022 में फिर से विधानसभा चुनाव की अवधि में भी वह इसी पद पर रुद्रपुर में तैनात रहे। सूत्रों की मानें तो उनकी केंद्रीय व राज्य निर्वाचन आयोग, शासन व मुख्यालय में शिकायतें हुई है। ऐसे में संभावना है कि ऐसे अधिकारियों का जल्द तबादला हो सकता है।