Uttrakhand : चूड़ी-बिंदी और सब्जी बेचकर शिखर पर पहुंचे इस नेता में मोदी को नजर आई यह खासियत…

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newsjunction24.com

सौरभ बजाज, नैनीताल (Nainital) :
भाजपा और सत्ता के शिखर पुरुष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश विदेश में जो छाप छोड़ी है, वह किसी से छिपी नहीं है। आज मोदी के कुशल नेतृत्व का लोहा सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि पूरा विश्व मानने लगा है। उन्हीं मोदी के की अगुवाई में एक बार फिर भाजपा लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरने जा रही है। खास बात यह है कि मोदी ने सियासत के मैदान में भी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करके विपक्ष को निर्णय लेने की मजबूत इच्छा शक्ति का परिचय दे दिया है। इस सूची में जब लोकसभा सीट नैनीताल ऊधम सिंह नगर से पूर्व सांसद अजय भट्ट को टिकट मिला तो सब हैरान रह गए। क्योंकि इस सीट पर प्रत्याशी बदलने के कयास तेजी से लगाए जा रहे थे, मगर चूड़ी बिंदी और सब्जी बेचकर आज राजनीति के शिखर पर पहुंचे अजय भट्ट ने टिकट पाने वालों की पहली सूची में ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर एहसास करा दिया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिल में बसते है।

चाय से लेकर सब्जी और चूड़ी बिंदी तक बेची

नैनीताल-ऊधम सिंह नगर संसदीय सीट से मौजूदा सांसद और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद को सुशोभित कर कर रहे अजय भट्ट का शुरुआती जीवन बेहद संघर्षों से भरा रहा है। सामान्य परिवार में जन्में अजय भट्ट कभी अपनी आजीविका चलाने के लिए चाय बेचते थे, यही नहीं दूनागिरी मंदिर में चूड़ी बिंदी बेची तो कभी दुकान लगाकर सब्जी भी बेची थी। यह सब उन्हें इसलिए करना पड़ा क्योंकि कम उम्र में ही पिता का साया उनके सिर से उठ गया। ऐसे में परिवार का जिम्मा उठाने के लिए उन्होंने ये सब किया। इस सबके साथ उनमें समाज सेवा का जज्बा भी कम नहीं था। तमाम जिम्मेदारियों के बीच अजय भट्ट समाजसेवा के लिए समय निकाल ही लेते थे। इसी जज्बे ने उनका प्रवेश राजनीति में करा दिया।

 

और रह गए मुख्यमंत्री बनते बनते

मेहनती स्वभाव देखकर 1985 में भाजपा ने उन्हें भाजयुमो से जोड़ दिया। इस बीच वह राज्य आंदोलन में सक्रिय हो गए। उसके बाद अजय भट्ट की प्रतिभा से पार्टी कायल हो गई। यही वजह रही कि 1996 से 2007 तक वे विधायक रहे। बाद में भाजपा के अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष भी रहे। 2017 में जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना थी तभी वे चुनाव हार गए और सीएम बनने से चूक गए लेकिन उन्होंने संगठन में सक्रियता और जनता पर पकड़ ढीली नहीं होने दी। इसे देखते हुए भाजपा ने 2019 में लोकसभा का टिकट थमा दिया। इस महत्त्वपूर्ण चुनाव में अजय भट्ट ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को रिकॉर्ड 3,39, 096 मतों से पराजित कर दिया और सांसद बन गए। केंद्र में पहुंचते ही अपनी संगठन क्षमता के बलबूते अजय भट्ट को सात जुलाई 2021 को पर्यटन और रक्षा राज्य मंत्री का दायित्व दे दिया गया।

 

समस्या लेकर अक्सर मोदी से करते रहे हैं विनती

क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर वे न केवल लोकसभा में मुखर रहे बल्कि प्रधानमंत्री से मुलाकात कर व्यक्तिगत स्तर पर भी इनके लिए प्रयासरत रहे। इसी वजह से वे क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण जमरानी बांध के लिए वित्तीय व अन्य स्वीकृति लेने में सफल रहे। इसके अलावा मोदी के प्रोजेक्ट काठगोदाम नैनीताल रोपवे, हल्द्वानी नैनीताल मार्ग को डबल लेन बनवाने, रामगढ़ में रवींद्रनाथ टैगोर के विश्व भारती विवि के कैंपस की स्थापना करवाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी उन्होंने स्वीकृत कराए हैं।

 

सांसद में उठाया यह पहला सवाल

भट्ट ने बतौर सांसद पहला सवाल ही लोकसभा में जमरानी बांध का उठाया था। सांसद रहते उन्होंने लगातार रोपवे, बलियानला सहित क्षेत्र संबंधी सवाल उठाए और उनका निदान करवाया। अपने गहन अध्ययन और शालीन व्यवहार के चलते वे दो बार सर्वश्रेष्ठ सांसद भी घोषित किए गए। रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों के बावजूद वे क्षेत्र के लोगों के सुख दुख में व्यक्तिगत और सामाजिक कार्यक्रमों में भी उपस्थिति दर्ज कराते रहे।

 

तराई भाभर के लिए यह सब भी करा लाए

अजय भट्ट को बतौर मंत्री केवल ढाई वर्ष का कार्यकाल मिला। लेकिन इस अवधि में जमरानी बांध की स्वीकृति, काठगोदाम नैनीताल रोपवे,  हल्द्वानी नैनीताल मार्ग को डबल लेन बनवाने, रामगढ़ में विश्व भारती केंद्रीय विवि कैंपस की स्वीकृति के अलावा नैनीताल, भवाली में पार्किंग, सुशीला तिवारी अस्पताल में कैथ लैब, काठगोदाम अमृतसर ट्रेन, हल्द्वानी में आयुर्वेदिक अस्पताल,  बलियानाले का उपचार, खैरना पुल निर्माण, कुमाऊं में एम्स के सैटेलाइट सेंटर, हर घर नल योजना सहित दर्जनों कार्यों को स्वीकृत करवाया। प्रधानमंत्री मोदी उनकी संगठन क्षमता, क्षेत्र के प्रति लगन, अनुशासन जैसे तमाम चीजों को देखते हुए उनसे स्नेह रखते हैं।