बेटा दिल्ली में करता था नौकरी, घर में अकेले रहती थी 62 साल की वृद्धा, ऐसा क्या हुआ कि जिंदा जलकर हो गई मौत

208
खबर शेयर करें -

न्यूज जंक्शन 24, बरेली। दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी कर रहे एक युवक की 62 वर्षीय मां यहां बिहारीपुर में अकेले रहती थी। उन्होंने चार जानवर पाल रखे थे। होली पर जहां एक तरफ लोग रंगों का त्योहार मना रहे थे तो दूसरी तरफ मच्छर भगाने के लिए लगाई मार्टिन से बिस्तर में आग लगने के बाद वृद्धा व घर में पले जानवरों की चीखें हर किसी को अंदर तक झकझोर गईं। गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन गभीर रूप से झुलसी वृद्धा को बचाया नहीं जा सका।

बिहारी पुर निवासी 62 वर्षीय वीना श्रीवास्तव पति के साथ बस्ती जिले में रहती थी। करीब 26 साल पहले उनके पति की मौत हो गई। इसके बाद वे बिहारीपुर में अपने मायके में रहती थी। उनका एक बेटा दिल्ली में रहकर नौकरी करता है। हालांकि उनके खानदान के लोग पड़ोस में ही रहते हैं लेकिन वह एक कमरे में अकेले ही रहती थी। सोमवार को खाना खाने के बाद वह सो गई थी। पड़ोसियों ने बताया कि रात करीब 1:00 बजे उनके मकान से तेज लपटें निकल रही थी। इस पर पड़ोसी ने शोर मचाया तो भीड़ इकट्ठा हो गई। सूचना पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंची। आग बुझाई लेकिन तब तक वृद्धा गंभीर रूप से झुलस चुकी थी। घर के अंदर रखा सारा सामान भी जलकर खाक हो गया था। पुलिस ने महिला को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां देर रात उनकी मौत हो गई।

यह भी पढ़ें 👉  ......तो नौकर ने इस बात से नाराज होकर रेता था मासूम का गला, पुलिस ने दबोचा

पोस्टमार्टम हाउस से सीधा शमशान घाट ले जाने पर भिड़े परिजन

वृद्धा की मौत के बाद उसके परिवार वाले पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे थे। इस दौरान उनके बीच विवाद भी हो गया। मृतका के भतीजे का कहना था कि पोस्टमार्टम हाउस से सीधे शव को श्मशान घाट ले जाया जाए पर परिवार के कुछ लोगों का कहना था कि पहले उनके बेटे को दिल्ली से आ जाने दो। इसी बात को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पर ही परिवार के लोग आपस में भिड़ गए। मौजूद पुलिसकर्मियों ने परिवार के लोगों को किसी तरह समझा कर शांत किया।

यह भी पढ़ें 👉  किशोर को गोली मारने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, इस वजह से की गई थी वारदात

1 दिन पहले राम बरात के जुलूस में जमकर नाची थी वृद्धा

कोतवाली थाना प्रभारी पंकज पंत ने बताया कि बीना 1 दिन पहले होली पर निकलने वाली रामबारात के जुलूस में जमकर नाची थी। लोगों ने उन्हें काफी खुश देखा था। जुलूस में नाचते समय पुलिस ने उन्हें समझा कर घर भी भेजा था। वृद्धा के भाई नरेंद्र ही उनकी देखभाल करते थे। वह कमरे में अलग रहती थी। 1 दिन पहले जुलूस में खुश देखने के दौरान अगले दिन ही उनकी मौत से लोग सदमे में हैं।