योगी पुलिस का फिर बड़ा एक्शन, अब इस बड़े अपराधी को किया ढेर

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Newsjunction24.com

Lucknow: बुलडोजर बाबा का नाम आते ही जुवा पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम खुद व खुद आ जाता है। जी हां, योगी आदित्यनाथ ने जब से उत्तर प्रदेश की कमान संभाली है तब से वहां की कानून व्यवस्था में इस कदर सुधार देखने को मिल रहा है कि अब अपराधी अपराध करने से डर रहा है या फिर अपराध करने पर उसको सजा ऐसी मिल रही है कि अन्य अपराधियों की रूह कांप जा रही है। अतीक अहमद और मुख्यतार अंसारी इसके बड़े उदाहरण हैं। इसी तरह का एक मामला फिर सामने आया है। सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में 30 अगस्त को सफर कर रही एक महिला पुलिस कर्मी पर जानलेवा हमला बोल दिया था। इस दुस्साहसी घटना को लेकर योगी राज की पुलिस कहां चुप बैठने वाली थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तत्काल अपराधियों तक पहुंचने के लिए कसरत शुरू हो गई। आखिरकार उस बदमाशों तक पुलिस पहुंच ही गई जिन्होंने यह अपराध किया था। हर तरफ से घिरने के बाद बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस से मुठभेड़ में एक शातिर बदमाश को ढेर कर दिया। जबकि उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उनसे पूछताछ में जुटी है।

आपको बताते चलें कि एक महिला सिपाही सुल्तानपुर में तैनात है। मनकापुर से अयोध्या आते समय महिला सिपाही ट्रेन की बोगी में अकेली थी। मौका पाकर तीन बदमाश बोगी में घुस गए और लूटपाट का प्रयास किया। लेकिन महिला सिपाही ने भी जब बदमाशों से मोर्चा लिया तो वह लूटपाट नहीं कर सके मगर सिपाही को हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। उसके मरणासन्न हो जाने पर सिपाही को ट्रेन की सीट के नीचे धकेल दिया था। अयोध्या जंक्शन पहुंचने से पूर्व ही तीनों चलती ट्रेन से रास्ते में उतर गए थे। मुख्यमंत्री योगी ने घटना पर तत्काल कारवाई के आदेश दिए, इधर इलाहाबाद हाई कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद प्रकरण की जांच में एसटीएफ को भी लगा दिया गया।

स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि घटना के बाद सिपाही बात करने की स्थिति में नहीं थी। थोड़ी स्थित ठीक होने पर उसे कुछ संदिग्ध अपराधियों के फोटो दिखाए गए थे। इस दौरान उसने अनीस खान और उसके साथियों की पहचान की थी। इसके बाद से ही पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई थी। गुरुवार देर रात अनीस और उसके साथियों के बारे में सूचना मिलने पर उन्हें अयोध्या में इनायतनगर के चमैला के पास घेरा गया। वहां फायरिंग में अनीस के साथी आजाद और विशंभर दयाल दुबे घायल हो गए जबकि अनीस भाग निकला। आजाद और विशंभर को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस बीच पुलिस अनीस की खोज में लगी हुई थी और कुछ देर बात पूराकलंदर के छतिरवा के पास उसे घेर लिया गया। खुद को घिरा देख उसने गोलियां चलानी शुरू कर दी। अंततः पुलिस की गोली से वह गंभीर रूप में घायल हो गया। अनीस की ओर से की गई फायरिंग में थाना प्रभारी रतन शर्मा घायल हुए हैं। अनीस को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। अनीस पर छह मुकदमे थे, जबकि आजाद पर 12 और विशंभर पर तीन मुकदमे दर्ज हैं। ये लोग ट्रेन में भी अपराध करते थे। छिनैती और जहरखुरानी के भी कुछ मामले इन पर दर्ज हैं।