उत्तराखंड में भांग से बना दी बिल्डिंग, जानें किसने किया यह कमाल, क्या हैं इसके फायदे

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भांग से बनी ईंट।
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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड ने आज एक मिसाल कायम कर दिया है। प्रदेश के पौड़ी जिले में नशीले पौधे भांग से एक बिल्डिंग (Building made of hemp) तैयार कर दी गई है। यह देश में अपनी तरह की पहली बिल्डिंग है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे।

पौड़ी जिले के यमकेश्वर फलदाकोट मल्ला में भांग से बिल्डिंग (Building made of hemp) का निर्माण किया गया है। इसका निर्माण करने वाली गोहेंप एग्रोवेंचर्स कंपनी से जुड़े नम्रता कंडवाल, गौरव दीक्षित और उनकी टीम का दावा है कि भारत में भांग से पहली बिल्डिंग (Building made of hemp) का निर्माण किया गया है। इन युवाओं का कहना है कि भांग का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है।

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यह रोजगार बड़ा माध्यम बन सकता है। इस पर गहन शोध किया जाए तो इसके कई फायदों के बारे में हमें पता चलेगा। भांग से तैयार बिल्डिंग (Building made of hemp) के अलावा स्वदेशी तकनीकी से भारत में निर्मित देश की पहली हेंप डेकोर्टिकेटर मशीन भी उत्तराखंड में गोहेंप एग्रोवेंचर्स स्टार्टअप द्वारा लाई गई है।

नम्रता ने बताया कि मशीन की सहायता से औद्योगिक हेंप के रेशे को बिना पानी के ही क्षणभर में लकड़ी से अलग किया जा सकता है। वर्तमान में हेंप इत्यादि के रेशे को अलग करके इसके गट्ठर सिर पर ढोकर गदेरे (साफ पानी के प्राकृति नाले) तक ले जाने पड़ते हैं। और फिर यहां लगभग एक महीने इसे गलाना पड़ता है। तब कई दिनों तक पत्थर पर पीटकर रेशा निकाला जाता है। पारंपरिक तकनीक में श्रम की अधिकता, पानी एवं समय की अत्याधिक खपत के कारण ग्रामीणों ने इसके रेशे का उपयोग अब बंद या कम कर दिया है। ऐसे में हेंप रूपी इस अद्भुत प्राकृतिक संसाधन का समुचित सदुपयोग नहीं हो पा रहा है।

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नम्रता ने बताया कि आज जिस भांग की लकड़ी को किसान जला रहा है, इस मशीन की सहायता से उनके रेशे निकालकर, कपड़ा, कागज, इथेनॉल, बायो प्लास्टिक, बिल्डिंग मैटेरियल जैसी इंडस्ट्री में रेशे की खपत पूरी की जा सकती है। इससे प्रदेश में एक बिल्कुल नई हेंप फाइबर इंडस्ट्री की स्थापना हो सकती है।

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