बरेली के श्मशान घाटों पर बिना आधार कार्ड के नहीं होगा अंतिम संस्कार, जानिए वजह

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बरेली। कोरोना संक्रमण के चलते श्मशान भूमि में एक-एक शव का रिकॉर्ड आधार कार्ड के मुताबिक दर्ज किया जाएगा। अंतिम संस्कार में आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। मृत्यु प्रमाण पत्र भी तभी मिलेगा जब मृतक व मुखाग्नि देने वाले व्यक्ति का आधार कार्ड नंबर दर्ज होगा। आधार कार्ड की फोटो स्टेट भी सुरक्षित रखी जायेगी।

शमशान भूमि प्रबंधन का मानना है कि कोविड-19 का दौर चल रहा है। अभी वही शव कोविड-19 का माना जा रहा है जो एम्बुलेंस से सीधे श्मशान भूमि लाया जा रहा है। अन्य वजहों से मरने वालों की अंत्येष्टि बिना कोविड गाइडलाइन के कराई जा रही है। भविष्य में कोई बात बनती-बिगड़ती है तो इसके लिए शमशान भूमि आने वाले सभी व्यक्तियों का रिकॉर्ड आधार कार्ड के मुताबिक किया जा रहा है।

इसलिए मृतक के परिवार वालों से सबसे पहले आधार कार्ड के बारे में जानकारी ली जा रही है। मृतक के आधार कार्ड के साथ ही मुखाग्नि देने वाले का भी आधार कार्ड मांगा जा रहा है। मृत्यु प्रमाण पत्र में आधार कार्ड का नंबर भी शामिल किया जाएगा। संजय नगर श्मशान भूमि कमेटी के सचिव महेंद्र पटेल ने बताया कि 16 अप्रैल से लगातार अंत्येष्टिया बढ़ गई हैं। सुबह 6 बजे से रात 8:00 बजे तक अंतिम संस्कार हो रहे हैं। ऐसे में अंत्येष्टि करने वालों का आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। 1 सप्ताह बाद जब मृत्यु प्रमाण जारी होगा तो आधार कार्ड दिखाना होगा। सिटी श्मशान भूमि व द हिंदू सोशल सर्विस ट्रस्ट के मंत्री विजय कुमार अग्रवाल ने भी यही बात दोहराई।