मां-बाप के होते हुए भी डेढ़ साल तक अनाथ रही ये मासूम, कुसूर था लड़की होना, जानिए इस नन्ही परी की कहानी

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न्यूज जंक्शन 24, बरेली।

गुरुनानक हॉस्पिटल प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाकर मासूम को छोड़कर जाने वाले माता-पिता बेनकाब हो गए। बिटिया को दुत्कारने वाले ही मुस्कान के असली माता-पिता निकले। डीएनए जांच में हकीकत सामने आ गई। सोमवार को रामपुर पुलिस ने बाल कल्याण समिति को डीएनए रिपोर्ट सौंप दी। बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट डॉ. डीएन शर्मा ने रामपुर के एसएसपी को पत्र लिखकर बच्ची के माता-पिता को पेश करने को कहा है ताकि लावारिस की तरह वक्त गुजर रही बिटिया को मां और पिता का दुलार मिल सके।

बरेली के गुरुनानक अस्पताल में प्री मैच्योर नवजात को पिछले साल 6 मई को भर्ती कराया गया था। 28 मई को डिस्चार्ज के वक्त रामपुर मिलक के गांव राज डंडिया के होरीलाल ने अस्पताल प्रबंधन पर बच्चा बदलने के आरोप लगा दिए। परिजन अस्तपाल में बच्ची छोड़कर चले गए। मासूम के जीवन की सुरक्षा को देखते बाल कल्याण समिति ने पिछले साल 16 अगस्त को मुस्कान को वार्न बेबी फोल्ड भेज दिया था। इसी बीच मीडिया में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए बहेड़ी के एक वकील ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर दी। फरवरी में आयोग के आदेश पर बच्ची के साथ उसके माता-पिता का भी सैंपल डीएनए जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजा। आठ महीने बाद सोमवार को डीएनए जांच रिपोर्ट बाल कल्याण समिति के सामने पेश की गई। सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट ने रिपोर्ट का लिहाफा खोला। डीएनए जांच में मुस्कान के ममता और होरीलाल ही जैविक माता-पिता निकले। डीएनए रिपोर्ट आते ही सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट ने रामपुर एसएसपी को चिट्ठी लिखकर बच्ची के माता-पिता को पेश करने को कहा है।

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जाएगी रिपोर्ट

बाल कल्याण समिति बच्ची और उसके माता-पिता की डीएनए रिपोर्ट को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भेजी जाएगी। एनएचआरसी के आदेश पर ही डीएनए की जांच कराई गई थी।

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कई बार बदले माता-पिता ने बयान


मुस्कान की मां और पिता ने बाल कल्याण समिति के सामने कई बार अपने बयान बदले। डीएनए की जांच से इनकार करके भी बाल कल्याण समिति से चले गए थे।

अस्पताल प्रबंधन कर सकता है कानूनी कार्रवाई

मुस्कान के असली माता-पिता होरीलाल और उसकी पत्नी माता ही निकले हैं। गुरुनानक अस्पताल प्रबंधन उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है। मानहानि के केस के साथ मुस्कान के इलाज का भुगतान भी लेने के लिए दावा कर सकता है।

सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट डीएन शर्मा ने बताया कि डीएनए रिपोर्ट आ गई है। डीएनए में होरीलाल और उसकी पत्नी माता पिता निकले है। मुस्कान को उनके जैविक माता-पिता को सौंपने की प्रक्रिया की जाएगी। रामपुर के एसएसपी को माता-पिता को प्रस्तुत करने के लिए पत्र लिख दिया है। अगर वे बच्ची को अपना लेते हैं तो ठीक नहीं तो कार्रवाई की जाएगी।