Amazon पर बड़ी कार्रवाई, झूठी सूचना देने पर लगा 202 करोड़ का जुर्माना

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न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अमेरिकी ई कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्यूचर कूपंस के बीच हुए समझौते को दी गई अपनी मंजूरी स्थगित कर दी है और नियमों के उल्लंघन के लिए अमेजन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना  (Fine on Amazon) भी लगाया है। इस फैसले से अमेजन को तगड़ा झटका लगा है और अब फ्चूचर रिटेल और रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के सौदे को रोकने की उसकी कोशिश पर पानी फिर सकता है। सीसीआई के फैसले के बाद अमेजन के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि कंपनी इस फैसले की समीक्षा कर रही है और जल्द ही आगे के कदम पर विचार करेगी।

सीसीआई ने नवंबर 2019 में फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए अमेजन-फ्यूचर समूह के सौदे को मंजूरी दी थी। सीसीआई ने अपने 57 पन्नों के फैसले में कहा कि अमेजन की तरफ से इस गठजोड़ के उद्देश्य और वास्तविक प्रयोजन को छिपाने के जानबूझकर किए गए प्रयास के दौरान कुछ नियमों के उल्लंघन सामने आए। जब तक इसकी समीक्षा नहीं कर ली जाती तबतक इस सौदे को स्थगित किया जाता है और उल्लंघनों के कारण कंपनी पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना (Fine on Amazon)  लगाया जाता है।

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इसके अलावा कंपनियों के गठजोड़ की जानकारी अपेक्षित रूप से देने में विफल रहने के कारण कंपनी पर 200 करोड़ का जुर्माना और लगाया गया। इस गठजोड़ में एनवी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग एलएलसी(अमेजन) जो कि अमेजन डॉट कॉम इंक की 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली कंपनी है और फ्यूचर कूपंस शामिल थे।

20 करोड़ डॉलर में खरीदे थे 49 प्रतिशत शेयर

अगस्त 2019 में अमेजन 20 करोड़ डॉलर में फ्यूचर कूपंस के 49 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए तैयार हुआ था। फ्यूचर कूपंस के पास फ्चूचर समूह के 7.3 प्रतिशत शेयर थे। इस सौदे की शर्त ये थी कि अमेजन (Fine on Amazon) को अगले 3 से 10 साल में फ्यूचर समूह की मुख्य कंपनी फ्यूचर रिटेल को खरीदने का अधिकार मिलेगा।

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फैसला अमेजन के लिए क्यों है झटका

कोरोना के कारण देश में कारोबार प्रभावित होने के बाद अगस्त 2020 मेें रिलायंस रिटेल ने घोषणा की कि वह फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार के साथ-साथ लॉजिस्टिक और वेयरहाउस कारोबार को 24713 करोड़ रुपये में खरीदने जा रहा है। अमेजन (Fine on Amazon)  ने इस सौदे को सिंगापुर की मध्यस्तता कोर्ट में चुनौती देकर इसपर रोक लगवा दी। बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस रोक को बरकरार रखा। मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है। सीसीआई द्वारा अमेजन और फ्यूचर कूपंस के बीच हुए सौदे को रद्द करने का अर्थ है कि फ्यूचर रिटेल को खरीदने का अमेजन का दावा भी खुद ही खत्म हो जाएगा। ऐसे में फ्यूचर-रिलायंस सौदा जल्द ही आकार ले सकता है।

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