इस मुद्दे पर अपनों से ही घिरने लगी उत्तराखंड सरकार, ऋतु खंडूड़ी ने सरकार पर साधा निशाना, कह दी यह बात

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देहरादून। स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं इन दिनों टेक होम राशन को लेकर बनाए गए नए नियमों को लेकर आंदोलित हो गई हैं। अब सरकार को अपने घर में ही इस मुद्दे पर विरोध झेलना पड़ रहा है।

दरअसल, सरकार ने स्वयं सहायता समूहों से टेक होम राशन का कार्य वापस लेने का निर्णय लिया है। सरकार ने इसके लिए टेंडर जारी कर निजी कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। सरकार के इस फैसले से ही स्वयं सहायता समूह की महिलाएं नाराज हो गई है। इसे लेकर बीते दिनों दो महिलाओं गीता मौर्य और श्यामा देवी ने अपना तीलू रौतेली पुरस्कार भी सरकार को लौटा दिया था। अब यमकेश्वर विधायक ऋतु खंडूड़ी भी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के साथ खड़ी हो गई हैं और सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और रोक लगाने के लिए कहा है।

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उत्तराखंड में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से टेक होम राशन के कार्य में प्रदेश की लगभग 40 हजार महिलाएं सीधी तौर पर जुड़ी हुई हैं। इन 40 हजार महिलाओं के साथ-साथ लगभग एक लाख से अधिक लोगों को सीधे तौर पर इसका फायदा मिल रहा है, लेकिन सरकार ने टेक होम राशन का कार्य स्वयं सहायता समूह से वापस लेकर मल्टीनेशनल कंपनी को देने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार टेंडरिंग प्रक्रिया भी अपना रही है।

इसी बात को लेकर स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गई हैं। बीते रोज महिलाओं ने महिला कल्याण निदेशालय के बाहर प्रदर्शन किया था। मामले को बढ़ता देख यमकेश्वर विधायक व भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस फैसले को वापस लेने के लिए कहा जाएगा। टेक होम राशन का कार्य स्वयं सहायता समूहों को ही मिलना चाहिए। आने वाले विधानसभा सत्र में भी वह इस बात को रखेंगी।

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