सचिन तेंदुलकर बोले-पुरुषों का रोना कोई शर्म की बात नहीं

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भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि पुरुषों को अपनी भावनाओं को छुपाना नहीं चाहिए और इन्हें व्यक्त करते समय अगर आंसू छलक जाएं, तो उन्हें शर्मसार नहीं होना चाहिए। 46 वर्षीय तेंदुलकर ने कहा कि रोना आपको कमजोर नहीं बनाता।
ऐसा भी समय था जब पुरुषों का रोना कमजोर व्यक्तित्व की निशानी माना जाता था, लेकिन तेंदुलकर इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। हालांकि ऐसा भी दौर था जब वह मानते थे कि आंसू निकलने से पुरुष कमजोर हो जाते हैं।

‘अंतरराष्ट्रीय पुरुष सप्ताह’ के मौके पर पुरुषों को खुले पत्र में इस महान क्रिकेटर ने कहा कि जब चीजें उनके मन मुताबिक नहीं चलतीं, तो उन्हें खुद को सख्त नहीं दिखाना चाहिए। उन्होंने भावनात्मक संदेश में कहा-पुरुषों का आंसू कोई शर्म की बात नहीं है, अपने उस हिस्से को क्यों छुपाना चाहिए जो वास्तव में आपको मजबूत करता हो, आंसू क्यों छुपाने चाहिए?
तेंदुलकर के मुताबिक पुरुषों को ऐसी सोच के साथ बड़ा किया जाता है कि उन्हें रोना नहीं चाहिए या यह कि रोने से पुरुष कमजोर हो जाते हैं। उन्होंने कहा-मैं भी इसी सोच के साथ बड़ा हुआ,आज मैं आपको इसलिए लिख रहा हूं कि मैंने महसूस किया है कि मेरी सोच गलत थी, मेरी परेशानियों और दर्द ने मुझे वो बनाया है जो मैं हूं, मुझे बेहतर इंसान बनाया।