यूसीसी लागू होते ही उत्तराखंड में बदल जाएंगे यह नियम-कानून, पड़िए बड़ा अपडेट

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Nj24.com देहरादून
उत्तराखंड अब देश को बड़ा संदेश देने जा रहा है। समान नागरिक संहिता लागू (ucc) करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू (UCC) करने की दिशा में धामी सरकार ने मंगलवार ( 6 फरवरी 2024) को ऐतिहासिक कदम उठा लिया है। उत्तराखंड विधानसभा में सीएम धामी ने यूसीसी विधेयक को पेश कर दिया। मुख्यमंत्री धामी के सदन में प्रवेश करते ही भाजपा समर्थित विधायकों ने जयश्री राम के नारे लगाकर उनका स्वागत किया। अब इस पर चर्चा होगी। न्यूज जंक्शन 24 आपको बताना चाहता है कि इसके लागू होने के बाद उत्तराखंड के नियमों और कानूनों में कौन से बदलाव आने वाले हैं।

इस दिन सौंपा सीएम को ड्राफ्ट

प्रदेश में समान नागरिक संहिता (ucc)  लागू करना धामी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की। समिति ने 20 माह के कार्यकाल में विभिन्न धर्मों, समूहों, आमजन व राजनीतिक दलों से चर्चा करके संहिता का ड्राफ्ट तैयार किया। दो फरवरी को ड्राफ्ट मुख्यमंत्री को समिति के सदस्यों ने सौंप दिया।

यूसीसी : महिलाओं को करेगा सुरक्षित

इस विधेयक के लागू होने के बाद सर्वाधिक लाभ और सुरक्षित आधी आबादी यानी महिलाएं होंगी। समिति ने ड्राफ्ट में लड़कियों के विवाह की आयु बढ़ाने, बहुविवाह पर रोक लगाने, उत्तराखंड में लड़कियों के बराबर हक, सभी धर्मों की महिलाओं को गोद लेने का अधिकार व तलाक के लिए समान आधार रखने की पैरवी की गई है। ड्राफ्ट में तलाक, तलाक के बाद भरण पोषण और बच्चों को गोद लेने के लिए सभी धर्मों के लिए एक कानून की संस्तुति की है।

एक पति एक ही पत्नी रख पाएगा

जितने भी धर्मों के लोग यहां निवास कर रहे हैं, सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है। बहुपत्नी प्रथा समाप्त कर एक पति पत्नी का नियम सभी पर लागू होगा। प्रदेश की जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।

संपत्ति से लेकर लव जिहाद तक बदलाव

संपत्ति बंटवारे में लड़की का समान अधिकार सभी धर्मों में लागू रहेगा। अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकेगा। लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक होगा। लव जिहाद, विवाह समेत महिलाओं और उत्तराधिकार के अधिकारों के लिए सभी धर्मों के लिए समान अधिकार की बात इसमें की गई है।

यूसीसी के कुछ ऐसे हैं नियम

एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा, बहुपत्नी प्रथा होगी समाप्त।
-तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा ।
-गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा ।
-संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा ।
-अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा ।
-सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी ।
-लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा ।
-प्रदेश की जनजातियां इस कानून से बाहर होंगी ।
-तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा ।