रुद्रपुर में चल रहा था सरकारी राशन का बड़ा खेल, गरीबों को बेच दी गई घटिया दाल, अब हाई कोर्ट हुआ सख्त, दिया यह आदेश

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नैनीताल। उच्च न्यायालय ने रुद्रपुर शहर में सस्ता गल्ला की दुकानों से गरीब लोगों को सड़ी दाल बेचे जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब कर लिया है। कोर्ट ने अादेश दिया है कि सरकार चार सप्ताह में अपना जवाब कोर्ट में दाखिल करे। इसके साथ ही उधमसिंह नगर के एडीएम जगदीश कांडपाल को भी कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में रुद्रपुर निवासी किरनदीप सिंह विर्क की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया है कि रुद्रपुर में 16 सरकारी सस्ते गल्ले के दुकानदारों द्वारा पूर्ति निरीक्षक के साथ मिलीभगत कर गोदामों से सड़ी दाल को राशनकार्ड धारकों को बेच दी गई। जब दालों की सैंपलिंग की गई तो जांच में सैंपल फेल हो गए । जब इसकी शिकायत डीएसओ से की गई तो उन्होंने इनके लाइसेंस निरस्त करने के आदेश दिए थे, परन्तु जिला प्रशासन ने अभी तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

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याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि रुद्रपुर में 40 प्रतिशत कार्ड ऐसे अपात्र लोगो के बने है, जिनकी सालाना आय करोड़ों व लाखों में है, जबकि नियमावली यह है कि सफेद राशनकार्ड बनाने लिए आवेदक की मासिक आय 15 हजार और सालाना आय एक लाख 80 हजार से ज्यादा नही होनी चाहिए। यहां अपात्र लोग सालाना लाखों का टैक्स भरते हैं। इन अपात्र लोगों के कार्ड निरस्त किए जाएं। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि ये 16 राशन की दुकानें कई पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आई हैं ,जिससे प्रतीत होता है कि यह उनकी पैतृक संपत्ति होगी। इनको हटाया जाए।

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