अल्मोड़ा के ऐतिहासिक दशहरा का बदल गया इतिहास, 100 साल में पहली बार हुआ एेसा

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Ravana Dahan in Almora
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न्यूज जंक्शन 24, अल्मोड़ा। प्रदेश भर में प्रसिद्ध अल्मोड़ा के दशहरा (Almora Dussehra) महोत्सव इस बार अलग ही कारणों से चर्चा में आ गया है। यहां 100 वर्षों में पहली बार रावण का पुतला नहीं जला। देर रात हुए विवाद के बाद रावण पुतला समिति ने पुतला जलाने से इन्कार कर दिया। समिति के सदस्य स्टेडियम से पुतला वापस ले गए। इधर गुरुवार को पुतला बाटा चौक के पास खड़ा रखा। दशहरा समिति (Almora Dussehra) पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए रावण पुतला समिति के लोग माफी मांगने की जिद पर अड़ गए।

बुधवार की शाम एलआर साह रोड होते हुए बाजार की ओर पुतलों का जुलूस निकाला जा रहा था। चौक बाजार के पास रावण और देवांतक पुतला समिति के सदस्यों में विवाद हो गया था। कुछ ही देर में विवाद मारपीट में बदल गया। इस बीच अफरातफरी का माहौल बन गया । मामले में कार्रवाई को लेकर दोनों पुतला समितियों ने पुतले रास्ते में ही रोक दिए। रावण के पुतले को भी काफी देर बाजार में रोक नारेबाजी की गई। मौके पर तैनात पुलिस, प्रशासन और दशहरा समिति ने काफी देर समझाया। बमुश्किल दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया गया।

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इससे काफी देर तक जुलूस रास्ते में ही रुका रहा। समझाने के बाद बमुश्किल पुतलों को स्टेडियम के लिए भेजा गया। लेकिन देर रात स्टेडियम में फिर विवाद हो गया। पुतला समिति ने स्टेडियम में उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया। जिसके बाद रात करीब साढ़े 12 बजे पुतला समिति रावण का पुतला वापस लेकर चले गए। इस दौरान रावण पुतला समिति ने प्रतीकात्मक तौर पर रावण के एक सिर काे अलग से जलाया। लेकिन गुरुवार की सुबह भी पुतला बाटा चौक के पास खड़ा रहा।

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दशहरा समिति अध्यक्ष अजीत कार्की ने कहा कि पुतला समितियों के बीच विवाद हुआ था। उसके बाद दोनों में समझौता कराया गया। इसके बाद रावण पुतला समिति पुतले को फिर रात में वापस ले गए। रावण पुतला समिति अध्यक्ष अर्जुन बिष्ट ने कहा कि उनके राम-लक्ष्मण को भी स्टेडियम में नहीं आने दिया। न ही बाजार में हुए विवाद को लेकर कोई कार्रवाई की गई। जिसके विरोध में पुतला वापस ले गए।

वहीं दशहरा समिति अध्यक्ष अजीत कार्की ने कहा कि जो पुतले बुधवार की रात स्टेडियम नहीं पहुंचे उन्हें अगले वर्ष से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। अगले वर्ष से ऐसे पुतलों को स्टेडियम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

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