सरकार का यह निर्णय हरदा को गुजरा नागवार, बोले- इस दिन जाकर मांगूंगा माफी

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न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। गैरसैंण में विधानसभा का बजट सत्र (budget session of assembly in gairsain) नहीं करने का प्रदेश सरकार का फैसला पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बेहद नागवार गुजरा है। उन्होंने सवाल उठाया है कि चारधाम यात्रा तो हर साल होगी, क्या भराड़ीसैंण में कभी बजट सत्र नहीं होगा?

उन्होंने प्रदेश सरकार और माननीयों पर भी तंज किया कि गैरसैंण नहीं जाने के बहाने खोजे जा रहे हैं। हरदा ने कहा कि उनके शासनकाल में भराड़ीसैंण में 1000 करोड़ रुपये खर्च हुआ, लेकिन वहां जाने के लिए कोई तैयार नहीं है। इसलिए उन्होंने तय किया है कि 14 जून को जब देहरादून विधानसभा में बजट सत्र हो रहा होगा, वह क्षमायाचना के लिए गैरसैंण में होंगे।

गैरसैंण के प्रति उपेक्षा का यह दर्द रावत ने अपने फेसबुक पेज पर बयान जारी कर किया है। उन्होंने लिखा, गैरसैंण-भराड़ीसैण शब्दों की हम कितनी ही चासनी परोसें, मगर जब भी कोई बहाना मिला है, जिससे गैरसैंण-भराड़ीसैंण से बचा जा सके, बड़े लोग बचे हैं। इस बार बहाना चारधाम यात्रा है। यात्रा हर वर्ष होगी और चारधाम यात्रा में चुनौतियां भी आएंगी तो इसका अर्थ है कि भराड़ीसैंण में कभी बजट सत्र (budget session of assembly in gairsain) होगा ही नहीं। बजट सत्र ही क्यों, कभी बरसात होगी, कभी ठंड होगी, तो भराड़ीसैंण का विधानसभा भवन केवल एक स्तूप के तरीके से हम सब लोगों के कृतित्व का साक्षी बनता रहेगा। मैंने तय किया है कि 14 को जब देहरादून में विधानसभा शुरू होगी तो मैं भराड़ीसैंण में जाकर विधान भवन से सारे उत्तराखंड के लोगों को प्रणाम करूंगा।

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उन्होंने कहा कि आज जिस तरीके से भराड़ीसैंण याचक के तौर पर वरमाला लिए अपने मान्यवरों के स्वागत के लिए एकटक निहार रहा है और उसकी माला स्वीकार करने के लिए न सरकार तैयार है, न मान्यवर। ऐसी स्थिति में मेरे जैसे व्यक्ति के लिए राज्य की जनता से क्षमा मांगने के अतिरिक्त और कुछ करना शेष नहीं है।

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उन्होंने सवाल किया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी और 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत, भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के विचार के जनक सतपाल महाराज, गैरसैंण में प्रथम कैबिनेट मीटिंग आहूत करने वाले विजय बहुगुणा और निरंतर गैरसैंण-भराड़ीसैंण की जागर लगाने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल सहित कई लोगों से समय जरूर पूछेगा कि ऐसे समय में जब भराड़ीसैंण की उपेक्षा के लिए बहाना ढूंढा जा रहा है तो आप कहां पर खड़े हैं।

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